जल्द ही बड़ी संख्या में लोग समंदर के रास्ते सफर करेंगे, समय और पैसे बचेंग
मुंबई: मुंबई जैसे महानगरों में ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या है. खासकर मुंबई में तो जाम के कारण हर दिन लाखों लोगों को परेशानी होती है. समंदर किनारे बसे इस शहर में लोग सड़कों के अलावा मेट्रो और लोकल ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन आने वाले समय में इनका बोझ और कम होगा. मुंबई में जल्द ही बड़ी संख्या में लोग समंदर के रास्ते सफर करेंगे.
दरअसल, मुंबई की भीड़ भरी सड़कों से ट्रैफिक का बोझ कम करने के लिए 12 नए रूट्स पर वाटर टैक्सी सेवा की शुरुआत की जाएगी. वहीं 4 नए रूट्स पर रोपैक्स फेरी सेवा शुरू की जाएगी. पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनसुख मंडाविया ने महाराष्ट्र के मुंबई में इन शहरी जल परिवहन परियोजनाओं की समीक्षा के लिए बुधवार को बैठक की.
इस अहम मीटिंग में मुंबई बंदरगाह के अध्यक्ष और महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड के अधिकारी वगैरह भी शामिल थे. 4 नए रूट्स पर रोपैक्स फेरी सेवा और 12 नए रूट्स पर वाटर टैक्सी सेवा को दिसंबर 2021 तक चालू किए जाने की बात कही गई है.
रोपैक्स फेरी सेवा के 4 नए मार्ग और वॉटर टैक्सी सेवा के 12 मार्ग खुलने से मुंबई के दैनिक यात्रियों को बहुत लाभ होगा. इससे यात्री प्रदूषण मुक्त, शांतिपूर्ण यात्रा कर सकेंगे. दूरी कम हो जाने से समय की खूब बचत होगी और खर्च भी बचेगा. कार्बन फुटप्रिंट में भी पर्याप्त कमी आएगी. इन सेवाओं के शुरू होने से बड़ी संख्या में पर्यटकों को भी मुंबई शहर के हर हिस्से तक पहुंचने में आसानी होगी.
इस समय भाऊचा धक्का से मांडवा (अलीबाग) तक रोपैक्स सेवा उपलब्ध है. इसके तहत 110 किलोमीटर की सड़क यात्रा को जल मार्ग के जरिए घटाकर 18 किलोमीटर कर दिया गया है. इससे रोजाना सफर करने वाले लोगों को सफर करने में 3-4 घंटे की बजाय महज 1 घंटा लगता है. इस फेरी सेवा के फायदों को देखते हुए मुंबई के अन्य रूट्स पर भी इस तरह की सेवाएं शुरू करने की योजना है.
पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनसुख मंडाविया ने कहा कि नए जलमार्गों पर परिचालन शुरू होना, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जलमार्गों का उपयोग करने और उन्हें देश के आर्थिक विकास से जोड़ने के दृष्टिकोण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
उन्होंने कहा कि सभी तटवर्ती राज्यों में रोपैक्स सेवा और वॉटर टैक्सी सेवा के बहुत से अन्य मार्गों पर परिचालन शुरू होने से एक सुचारू पर्यावरण व्यवस्था बनेगी. नेटवर्क के विकास की नई संभावनाएं और नए अवसर खुलेंगे.