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मुंबई : मुंबई डिवीजन के रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ ) ने पिछले 12 महिनों में मध्य रेल ,मुंबई के स्टेशनों के प्लेटफार्मों से 141 बच्चों को बचाया है। इन बच्चों को उनके घरों में भेज दिया गया और उनके माता-पिता के साथ फिर से मिलाया है। अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक, मुंबई डिवीजन के रेलवे सुरक्षा बल ने 141 बच्चों को बचाया है, जिसमें मध्य रेल ,मुंबई के स्टेशनों के प्लेटफार्मों से 92 लड़के और 49 लड़िकयां शामिल हैं और चाइल्डलाइन जैसे एनजीओ की मदद से अपने माता-पिता के साथ पुनर्मिलन किया। पिछले पांच वर्षों में यानि 2016 से 31 मार्च 2021 तक, मध्य रेल के मुंबई डिवीजन ने अब तक 1874 बच्चों को बचाया है। इन 141 बच्चों में से अधिकांश अपने परिवार से बिना किसी लड़ाई, या कुछ पारिवारिक मुद्दों या बेहतर जीवन या ग्लैमर की खोज में बिना कारण बताए शहर आ गए। ये बच्चे प्लेटफॉर्मों या रेलवे स्टेशनों के पास घूमते पाए गए। ये बच्चे जब पाए गए, प्रशिक्षित रेलवे सुरक्षा बल बच्चों के साथ घुल मिलकर, उनकी भावनाओं/समस्याओं को समझता है और उन्हें उनके माता-पिता के साथ पुनर्मिलन करने के लिए सलाह देता है, इस प्रकार एक काउंसलर के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि वे अपने चिंतित माता-पिता तक पहुंचते हैं। बहुत से माता-पिता रेलवे सुरक्षा बल की इस अभूतपूर्व सेवा के लिए अपनी गहरी कृतज्ञता और कोटि-कोटि आभार व्यक्त करते हैं। एक घटना में, एक 14 वर्षीय नाबालिग लड़की अपने नागपाड़ा, मुंबई निवास से माता/पिता के डांटने पर भाग गई थी, जब वह डरी हुई सी सायन रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर 30 दिसंबर 2020 की आधी रात के लगभग 12.30 बजे घूम रही थी। आरपीएफ कांस्टेबल एस एन शिंदे ने आरपीएफ इंस्पेक्टर सुंदर सिंह प्रजापति के साथ इस भयभीत लड़की को घूमते हुए पाया। उससे पूछताछ करने पर पता चला कि वह अपने पिता के डर से घर से भाग गई थी, उसकी काउंसलिंग की, उसे आरपीएफ पुलिस स्टेशन, दादर ले गई। बाद में, आरपीएफ अधिकारियों के सिटी पुलिस के साथ समन्वय ने नाबालिग लड़की को उसके चिंतित माता-पिता से मिला दिया। 


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