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मुंबई  : महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर शिवसेना और एनसीपी में बयानबाजी ने जहां राज्य में सत्ताधारी महाविकास अघाड़ी गठबंधन में खटास के संकेत दिए हैं। वहीं एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की मीडिया रिपोर्ट्स ने सियासी सरगर्मी तेज कर दी है। इस मुलाकात पर अमित शाह ने यह कहकर सस्पेंस बढ़ा दिया कि हर बात सार्वजनिक नहीं की जाती। इससे सियासी जानकार कयास लगा रहे हैं कि महाराष्ट्र में जल्द बड़ा उलटफेर हो सकता है, जिसे उद्धव सरकार के लिए खतरे की घंटी के रूप में देखा जा रहा है।

बताते हैं, अहमदाबाद में बीजेपी के करीबी कारोबारी के कॉरपोरेट हाउस पर शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल की अमित शाह के साथ बैठक हुई। अहमदाबाद जाने के लिए पवार ने प्राइवेट जेट इस्तेमाल किया था। इस मुलाकात से पहले यह कारोबारी बारामती में शरद पवार से मिले थे। जानकार, शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में देशमुख पर लगाए आरोपों और उन्हें 'ऐक्सिडेंटल' गृह मंत्री बताने को इसी मुलाकात से उपजी टीस के रूप में देख रहे हैं। शिवसेना नेता संजय राउत ने 'सामना' में लिखा कि NCP के सीनियर नेताओं जयंत पाटिल और दिलीप वलसे पाटिल ने यह पद लेने से इनकार किया था, इसलिए शरद पवार ने देशमुख को गृह मंत्री बना दिया।

राउत के इस कथन पर एनसीपी नेता और डेप्युटी सीएम अजित पवार ने कहा कि एनसीपी कोटे में किसे कौन पद मिलेगा, यह (एनसीपी सुप्रीमो) शरद पवार तय करते हैं। किसी और को इस पर सवाल उठाने का हक नहीं है। ऐसे बयानों से गठजोड़ में समस्याएं पैदा होंगी। कांग्रेस नेता संजय राउत ने तंज कसा कि देशमुख ने गलतियां की हैं, तो मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे खामोश क्यों हैं? बता दें, यूपीए का नेतृत्व शरद पवार को दिए जाने के राउत के बयान से कांग्रेस पहले ही शिवसेना से खफा है।


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