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मुंबई : महाराष्ट्र की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इस बीच शिवसेना सांसद संजय राउत की ओर से एनसीपी नेता अनिल देशमुख के संयोगवश गृह मंत्री बनने संबंधी बयान दिए जाने के बाद तनातनी और बढ़ गई है। ऐसे में महाराष्ट्र के डेप्युटी सीएम अजित पवार ने रविवार को कहा कि किसी को भी गठबंधन सरकार में स्थिति को बिगाड़ना नहीं चाहिए। एनसीपी नेता अजित पवार ने पुणे के बारामती शहर में पत्रकारों से कहा कि मंत्री पद का आवंटन एक गठबंधन में हर सत्ताधारी दल के प्रमुख का विशेषाधिकार होता है।

दरअसल मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह ने 20 मार्च को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में दावा किया था कि गृह मंत्री देशमुख चाहते थे कि पुलिस अधिकारी बार और होटलों से 100 करोड़ रुपये की मासिक वसूली करें। हालांकि, देशमुख ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है। महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार चल रही है। 

दरअसल संजय राउत ने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित अपने साप्ताहिक स्तंभ ‘रोकटोक’ में कहा कि देशमुख को गृह मंत्री का पद दुर्घटनावश मिला। जयंत पाटिल और दिलीप वालसे-पाटिल ने जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया। इसी कारण शरद पवार ने अनिल देशमुख को इस पद के लिए चुना। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अजित पवार ने कहा कि तीनों दलों ने मिलकर महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) का गठन किया है। डेप्युटी सीएम ने कहा कि मंत्री पद का आवंटन हर राजनीतिक दल (गठबंधन में) के प्रमुख का विशेषाधिकार होता है। जब तीन दलों की सरकार ठीक से काम कर रही है, ऐसे में किसी को स्थिति बिगाड़नी नहीं चाहिए। 

अजित पवार ने आगे कहा कि शरद पवार एनसीपी के प्रमुख होने के नाते पार्टी नेताओं को कैबिनेट सीट के आवंटन सहित सभी फैसले लेते हैं। अजित पवार ने कहा कि इसी तरह का तरीका कांग्रेस और शिवसेना भी अपनाती है। उन्होंने कहा कि कोई भी अवांछित टिप्पणी करने के बजाय इसका सम्मान किया जाना चाहिए।


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