महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई कोरोना का गढ़ बनता जा रही है, एक दिन में सामने आए 5000+ मामले, लॉकडाउन की आहट!
मुंबई : महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई कोरोना का गढ़ बनता जा रही है, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और गुजरात में कोविड-19 के दैनिक मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है और संक्रमण के कुल नए मामलों में इन राज्यों की हिस्सेदारी 77.44 प्रतिशत है। आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में बुधवार को एक दिन में सबसे ज्यादा पिछले 24 घंटों में 31,855 नए मामले सामने आए हैं और 95 मौतें हुईं हैं।
महाराष्ट्र में साप्ताहिक संक्रमण दर सबसे ज्यादा 20.53 प्रतिशत है। वहीं बात अगर मुंबई की करें तो बुधवार को यहां एक दिन में सर्वाधिक 5000 से ज्यादा केस दर्ज किए गए। बता दें कि महामारी के बाद एक दिन में आने वाले ये सबसे अधिक मामले हैं। मुंबई के अलावा नासिक, औरंगाबाद पुणे,नागपुर,ठाणे और नांदेड़ सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, पूरे देश में वर्तमान में सबसे ज्यादा मरीज महाराष्ट्र में है यह कुल मरीजों की संख्या का तकरीबन 60 प्रतिशत है।
वहीं मंगलवार को 1 दिन में महाराष्ट्र में कोरोना के 28699 नए मरीज सामने आए हैं, सोमवार को मरीजों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई थी लेकिन मंगलवार को एक बार फिर मरीजों की संख्या में उछाला आ गया। गौर हो रविवार को 30,535 लोग कोरोना से संक्रमित हुए थे, जो कि अब तक के दैनिक मामलों में सबसे ज्यादा है वहीं शनिवार को 27,126 लोग संक्रमित हुए थे वहीं महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे दूसरी बार कोरोना से संक्रमित हो गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में अबतक कोरोना के 25 लाख 33 हजार 26 केस दर्ज हो चुके हैं इनमें से 53 हजार 589 लोगों की मौत हो चुकी है। मुंबई में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए बृहन्मुंबई नगर निगम ने वीकेंड (28 और 29 मार्च) पर होलिका दहन और होली मनाना प्रतिबंधित कर दिया है। इस दौरान सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बीएमसी ने परिवार के सदस्यों के बीच भी होली मनाने से भी मना किया है। इन नियमों के उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि पिछले साल देश में COVID-19 महामारी की चपेट में आने के बाद, बृहन्मुंबई नगर निगम ने नागरिकों से होली समारोह के सार्वजनिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन इस बार महामारी के एक वर्ष बाद दोबारा वही हालात पैदा हो गए हैं।