भिवंडी : सरकार से सीधे बिजली बिल में सहूलियत देने की मांग फॉर्म भरने के लिए तैयार नहीं हैं पावरलूम मालिक
भिवंडी : भिवंडी शहर कांग्रेस कमेटी जिलाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक अब्दुल रशीद ताहिर मोमिन एक बार फिर से पावरलूम इंडस्ट्री को पुनर्जीवित करने के लिए जुट गए हैं। पावरलूम की बिजली बिल में सहूलियत दिए जाने के लिए राज्य सरकार द्वारा ऑनलाइन एवं ऑफलाइन आवेदन मंगाए जाने के संबंध में कांग्रेस कार्यालय में एक बैठक विशेष बुलाई गई थी। जिसमें शहर के पावरलूम एसोसिएशन एवं पावर लूममालिकों ने सरकार से अनुरोध करते हुए कहा है कि वे इस तरह का कोई भी फॉर्म नहीं भर सकते हैं । बतादें कि पावरलूम की बिजली बिल में सहूलियत देने के लिए वस्त्र आयुक्त द्वारा ऑनलाइन आवेदन मंगाया गया था,लेकिन समय काफी कम होने एवं फॉर्म भरने में हो रही परेशानियों के कारण भारी संख्या में पावरलूम मालिक आवेदन नहीं कर सके थे। पावरलूम संगठनों की मांग पर वस्त्र आयुक्त द्वारा एक मार्च से 31 मई तक तीन महीने का समय बढ़ा दिया गया है, लेकिन समय बढ़ने के बाद भी पावरलूम मालिक फॉर्म भरने के लिए तैयार नहीं है। शांतिनगर पावरलूम एसोसिएशन के अध्यक्ष अब्दुल मन्नान सिद्दीकी ने बताया कि भिवंडी पावरलूम इंडस्ट्री में लगभग 70 प्रतिशत पावरलूम मालिक मजदूरी पर काम करते हैं। जिसमें अधिकांश पावरलूम मालिकों के नाम पर बिजली का मीटर नहीं है। शहर में तमाम पावरलूम कारखाने ऐसे हैं जिसका मालिक कोई और है और उसे किराए पर कोई और चलाता है, ऐसी स्थिति में फॉर्म भरना काफी कठिन है। इसलिए सरकार को सीधे बिजली बिल में ही सहूलियत दी जानी चाहिए।
अब्दुल रशीद ताहिर मोमिन ने कहा कि सरकार चाहती है कि पावरलूम का विवरण ऑनलाइन और ऑफलाइन जमा करें, ताकि सरकार से सब्सिडी मिल सके, लेकिन भिवंडी में फॉर्म भरना बहुत मुश्किल है क्योंकि जिसके नाम पर बिजली का मीटर होगा उसके बैंक खाते में सब्सिडी मिलेगी, यदि वह समय पर भुगतान नहीं करता है तो बिजली का कनेक्शन काट दिया जाएगा। सरकार पावरलूम की इस नई नीति को समाप्त कर सकती है। मोमिन ने कहा कि टोरेंट पावर कंपनी को पावरलूम के बारे में पूरी जानकारी है ।सरकार जब चाहे तब जानकारी उनसे ले सकती है। इस बैठक में उपस्थित सभी लोगों ने इस नई प्रणाली का कड़ा विरोध किया है,सरकार यदि बिजली सब्सिडी हटा देती है तो कृषि के बाद कम शिक्षितों को सबसे अधिक रोजगार प्रदान करने वाला पावरलूम उद्योग पूरी तरह से रुक जाएगा। जिसके लिए बहुत जल्द ही कपड़ा मंत्री और मुख्यमंत्री से मिलकर इसे रद्द करने की मांग की जाएगी। इस बैठक में अब्दुल मन्नान सिद्दीकी एवं सोहेल खान सहित भारी संख्या में पावरलूम मालिक शामिल थे।