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मीरा रोड, अधिकांश लोग अपने घरों में अच्छी नस्ल के कुत्ते बिल्लियों को लाकर पालते हैं। इसमें कुछ लोग शौक से शान के लिए पालते हैं तो इनमें कुछ प्राणी मित्र भी होते हैं, लेकिन अक्सर ऐसा देखा जाता है कि जब पालतू कुत्ता या बिल्ली अशक्त, रोग ग्रस्त, या किसी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं तो लोग उन्हें अपने घरों में नहीं रखना चाहते। अचानक उस पालतू प्राणी के प्रति उनके दिलों में प्यार की जगह नफरत या घृणा ले लेती है, या उनकी कुछ अपनी अन्य मजबूरी भी होती है। ऐसे में लोग अपने उस पालतू पशु को चुप-चाप कहीं छोड़ आते हैं। अपने मालिकों द्वारा छोड़े गए ऐसे कुत्ते-बिल्लियों को मीरारोड की नंदिनी पन्निकर अपना आश्रय देती हैं।

हाल ही में नंदिनी ने ऐसे ही मालिकों द्वारा तिरस्कृत नेपोलियन मत्तश्चिफ नस्ल की आईसी, ब्रूटस डॉबरमैन और सोल्जर नामक कुत्तों को आश्रय दिया था और उनकी सेवा की थी। इन तीनों की पिछले सप्ताह में एक के बाद मौत हो गई। इस घटना से नंदिनी को बहुत दुख हुआ। उनकी आत्मा की शांति व सड़क के लावारिस आवारा कुत्तों को भरपेट भोजन देने के लिए नंदिनी ने रविवार को ‘फूड ड्राइव’ का आयोजन किया था। उनके इस कार्य मे अभिजीत दास, जीत, लता, योगेश, निम्मो, इमरान, शीतल, साक्षी, भरत, हर्ष, जुबिन, प्रीति, इंद्रनील आदि युवाओं ने अपना साथ व सहयोग दिया। मीरारोड में आश्रय एनिमल वेलफेयर केयर सेंटर की संचालिका नंदिनी पन्निकर ने बताया कि वे पालतू और आवारा कुत्ते-बिल्लियों की देखभाल के लिए मिनी हॉस्पिटल की तरह केयर सेंटर चलाती हैं, जिनमें वृद्ध हो चुके कुत्ते, सड़क के अंधे, लकवाग्रस्त कुत्तों आदि का समावेश है। उनकी वे सेवा उपचार करती हैं।


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