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मुंबई : मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोरोना काल में भी महाराष्ट्र सरकार ने विकास नहीं रुकने दिया। कोरोना के संकट को मात देते हुए हमने मार्ग तलाशा और विकास को गति दी। कोरोना की लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई है। ऐसे में कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए यातायात में होनेवाली भीड़ को टालने के उद्देश्य से ऑफिस टाइम के सही नियोजन की जरूरत है। ऑफिस में १० से ५ बजे ड्यूटी टाइम परंपरा की मानसिकता को बदलने की आवश्यकता है। अब केंद्र सरकार को इस पर एक राष्ट्रीय नीति तैयार करनी चाहिए। यह बातें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बुलाई गई नीति आयोग की छठी बैठक में कही।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस ऑनलाइन बैठक में कहा कि ‘कल करे सो आज कर, आज करे सो अब’ की भूमिका के साथ राज्य सरकार काम कर रही है। इस कोरोना संकट को सरकार ने अवसर के रूप में देखा और तमाम बदलाव कर विकास को नई दिशा में ले जाने का प्रयास किया है। हमने कोरोना आपदा को भी अवसर में तब्दील किया है। उन्होंने कहा कि राज्य के गांव को इंटरनेट कनेक्टिविटी से जोड़ने का प्रयास सरकार ने किया है। हालांकि अभी भी दूर-दराज इलाकों में २,५०० से अधिक गांवों में इंटरनेट और मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं पहुंची है लेकिन हम वहां भी इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा देने का प्रयास कर रहे हैं। केंद्र को ऐसी योजनाओं में प्राथमिकता देनी चाहिए। विकट परिस्थिति में भी महाराष्ट्र ने १ लाख करोड़ रुपए से अधिक के एमओयू पर हस्ताक्षर किए। संकट काल में विकास धीमा हुआ लेकिन बंद नहीं हुआ। इसके विपरीत विभिन्न तरीकों से अर्थ चक्र को तेज किया है।

इस बैठक में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए।


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