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म्यांमार में एक फरवरी को हुए सैन्य तख्तापलट के विरोध में तथा देश की प्रमुख नेता आंग सान सू की को जल्द से जल्द रिहा करने के समर्थन में हजारों लोगों ने रविवार को देशभर में जोरदार प्रदर्शन किया। हजारों प्रदर्शनकारियों ने यहां प्रदर्शन के दौरान नारे लगाते हुए कहा, 'हम सैन्य तानाशाही नहीं चाहते हैं। हम लोकतंत्र चाहते हैं।' तख्तापलट करने वाले सैन्य अधिकारियों ने इस संबंध में हालांकि अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2007 के बाद म्यांमार में यह अब तक का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन है। 

इससे पहले म्यांमार के सैन्य शासकों ने देश में तख्तापलट के विरोध में हो रही रैलियों में हजारों लोगों के शामिल होने के मद्देनजर शनिवार को इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी जिसे रविवार को वापस शुरू कर दिया गया। तख्तापलट के विरोध में लोगों की भीड़ को प्रदर्शनों में जुटने से रोकने के लिए सेना ने ट्विटरऔर इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बैन करने के तुरंत बाद इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी।

सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर पर शुक्रवार को ही पाबंदी लगा दी गई थी। कई उपयोगकतार्ओं ने वचुर्अल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का उपयोग करके सोशल मीडिया पर प्रतिबंधों को नजरअंदाज किया, लेकिन सामान्य तौर पर प्रतिबंध का असर दिख रहा है। रिपोर्ट के अनुसार यांगून शहर में लोगों की भीड़ विरोध प्रदर्शन में शामिल हुई और' सैन्य तानाशाही विफल' और'लोकतंत्र की जीत' के नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए हालांकि भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है और शहर के सभी मुख्य मागोर्ं को बंद कर दिया गया है।


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