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मुंबई : महाराष्ट्र सरकार के रियल्टी क्षेत्र से संबंधित सभी प्रीमियम में 50 फीसदी कटौती के कदम से देश की आर्थिक राजधानी में संपत्ति के दाम सात फीसदी तक घट सकते हैं। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है कि इससे उद्योग को काफी प्रोत्साहन मिलेगा। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने कहा कि, 'इस कदम से शेष राज्य में भी संपत्ति की कीमतों में 2.8 फीसदी तक की गिरावट आएगी।'
रियल एस्टेट क्षेत्र पिछले कुछ समय से चुनौतियों का सामना कर रहा है। क्षेत्र में अधिशेष स्टॉक की समस्या पहले से थीं महामारी से यह और बढ़ी है। महाराष्ट्र सरकार ने पहले संपत्ति के लेनदेन पर स्टांप शुल्क में कटौती की थी। अब इस सप्ताह प्रीमियम में कटौती की है। इंडिया रेटिंग्स ने कहा कि प्रीमियम में 50 फीसदी की कटौती से मुंबई में फ्लैटों के दाम करीबन 750 रुपये प्रति वर्ग फुट घटेंगे। वहीं राज्य के अन्य इलाकों में 150 रुपये प्रति वर्ग फुट की कटौती होगी।
मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में फ्लैट के निर्माण पर 8,500 रुपये प्रति वर्गफुट बिक्री योग्य क्षेत्र (भूमि की लागत सहित) की लागत आती है। वहीं इसकी औसत कीमत 10,640 रुपये प्रति वर्ग फुट है। 750 रुपये की कटौती का मतलब है कि एमएमआर में फ्लैट के निर्माण की लागत में करीब 8.8 फीसदी की कमी आएगी। वहीं 150 रुपये प्रति वर्ग फुट का मतलब है कि पुणे में फ्लैट के निर्माण की लागत 3.2 फीसदी घटेगी।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में इसकी जानकारी देते हुए कहा गया है कि 31 दिसंबर 2021 तक प्रीमियम में 50 फीसदी छूट का निर्णय दीपक पारेख समिति की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है। इस समिति का गठन कोविड-19 महामारी के दौरान लगाए गए लॉकडाउन के बाद निर्माण क्षेत्र को कठिन परिस्थिति से उबारने के बारे में सुझाव देने के लिए किया गया था। इसमें कहा गया है कि निर्माण परियोजनाओं में जो भी रियल्टी डेवलपर 50 फीसदी प्रीमियम छूट का लाभ लेगा, उसे ग्राहकों की ओर से पूरा स्टांप शुल्क खुद भुगतान करना होगा।

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