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मीरा-भाईंदर : भाईंदर और वालीव पुलिस की मुस्तैदी से चार साल की एक बच्ची की जान बच गई। अगर समय रहते दोनों स्टेशनों की पुलिस सक्रिय न होती, तो शायद कोई अनहोनी हो सकती थी। रविवार को भाईंदर पुलिस स्टेशन में एक बच्ची के अपहरण का मामला दर्ज हुआ था और रविवार को ठीक उसी समय वालीव पुलिस को वही बच्ची बेसुध अवस्था में एक बोरी में बंद सड़क के किनारे मिली।
पीड़िता भाईंदर पश्चिम में अपने मां-बाप के साथ रहती है। रोजाना की तरह वो दोपहर में घर से खेलने के लिए गई थी, लेकिन शाम तक लौट के नहीं आई। इसके बाद पीड़िता के अपहरण का मामला भाईंदर पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ। तुरंत भाईंदर पुलिस हरकत में आई। इसी दौरान पुलिस को पता चला कि पीड़िता आखिरी समय में उसी परिसर में खड़ी एक बस में खेल रही थी। पीएसआई किरण वलवी ने शक के आधार पर उस बस के ड्राइवर (आरोपी) को कुछ घंटों के अंदर वसई से गिरफ्तार कर लिया। गौरतलब है कि तब तक भाईंदर पुलिस ने पीड़िता की तस्वीर सभी पॉलिसी स्टेशन को भेज दी थी।
आरोपी ड्राइवर ने बेसुध अवस्था में बच्ची को एक बोरी में बांधकर वालीव पुलिस की सीमा में फादरवाडी परिसर में फेंक दिया था। होश में आने पर बच्ची बोरी में हरकत करने लगी। स्थानीय लोगों की सूचना पर वालीव पुलिस बच्ची को बचाया और नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया।
उपायुक्त संजय पाटिल ने बताया कि भाईंदर और वालीव पुलिस की मुस्तैदी और समन्वय से सही समय पर पीड़िता को बचाया जा सका। फिलहाल पीड़िता सुरक्षित है और उसका वैद्यकीय उपचार चल रहा है। जानकारी के अनुसार, आरोपी (34) सांताक्रुज का रहिवासी है और एक बस ड्राइवर है। आरोपी फिलहाल पॉस्को और अन्य धाराओं के तहत पुलिस हिरासत में है। आरोपी पर पीड़िता के साथ यौन उत्पीड़न और उसे बेसुध अवस्था में मृत जानकर फेंकने का आरोप है।

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