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अमेरिका : अमेरिका ने फाइजर की कोविड -19 वैक्सीन का अपना पहला वैज्ञानिक मूल्यांकन जारी किया है और इसकी पुष्टि की है कि यह मजबूत सुरक्षा प्रदान करता है। साथ ही कहा है कि सरकार इसे हरी झंडी दे सकती है।  अमेरिका के नागरिकों को कोरोना वैक्सीन लेने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हाल में कहा था कि अमेरिकियों को कोरोना वायरस वैक्सीन लेने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा और इसके प्रभाव और सुरक्षा के बारे में चिंतित लोगों के लिए वह सार्वजनिक रूप से टीकाकरण कराने के लिए तैयार हैं। जो बाइडेन ने वैक्सीन के बारे में बात करते हुए कहा कि मुझे नहीं लगता कि यह अनिवार्य होनी चाहिए। मैं नहीं चाहता कि यह अनिवार्य हो, ठीक वैसे ही जैसे मुझे नहीं लगता मास्क अनिवार्य हो।

इधर, ब्रिटेन ने मंगलवार को फाइजर और जर्मन पार्टनर बायोएनटेक के टीके के साथ पहले ही टीकाकरण शुरू कर दिया है। एफडीए इस महीने के अंत तक मोडर्ना की वैक्सीन पर विचार करेगा। गौरतलब है कि ब्रिटेन के बाद बहरीन दुनिया का दूसरा देश बन गया है जिसने दवा निर्माता कंपनी फाइजर और उसके जर्मन सहयोगी बायोनटेक द्वारा विकसित कोविड-19 टीके के आपात इस्तेमाल की औपचारिक मंजूरी दी है। बहरीन की सरकारी संवाद एजेंसी ने बीते शुक्रवार रात को इसकी घोषणा की।  एजेंसी ने बताया, ''उपलब्ध आंकड़ों के गहन विश्लेषण और समीक्षा के बाद बहरीन के स्वास्थ्य नियामक एजेंसी ने इसके आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी है। 

हालांकि, बहरीन ने यह नहीं बताया कि उसने टीके की कितनी खुराक खरीदी है और टीकाकरण कब शुरू होगा। एसोसिएटेड प्रेस के सवाल का भी बहरीन की प्राधिकारियों ने तत्काल कोई जवाब नहीं दिया। बाद में फाइजर ने बताया कि बहरीन को टीके की आपूर्ति और खुराकों की संख्या सहित बिक्री का समझौता गुप्त है और विस्तृत टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। गौरतलब है कि बहरीन पहले ही चीन निर्मित टीके 'साइनोफार्म के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे चुका है और अबतक 6,000 लोगों के ये टीके लगाए हैं।


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