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मुंबई : महाराष्ट्र में कोरोना महासंकट के दौरान बेस्ट बस की ड्यूटी में लगे राज्य परिवहन के कर्मचारियों को अब 225 भोजन भत्ते के रूप में दिए जाएंगे। यह घोषणा महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब ने की है। मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में कोरोना के दौरान तकरीबन एक हजार बेस्ट बसों में राज्य परिवहन के साढ़े चार हज़ार बस ड्राइवरों ने बेस्ट बसों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इन सभी को अब 225 रुपये भोजन भत्ते के रूप में दिए जाएंगे।
राज्य के अलग-अलग हिस्सों से बेस्ट बस में अपनी अपनी सेवाएं दे रहे राज्य परिवहन के कर्मचारियों के रहने और खाने पीने की व्यवस्था का जिम्मा एक निजी कंपनी को दिया गया है। हालांकि कंपनी की तरफ से दिए जाने वाले भोजन की टाइमिंग और कर्मचारियों की ड्यूटी की टाइमिंग का मेल ना हो पाने की वजह से कई कर्मचारियों को खाने पीने की समस्या होने लगी थी। इस संदर्भ में अनिल परब के पास कई सारी शिकायतें गई थी। जिसके बाद उन्होंने जिस कंपनी को ठेका दिया गया था उसे रद्द करते हुए कर्मचारियों को भोजन भत्ता देने का फैसला किया है। अब ऐसे कर्मचारियों को रोज नकद भोजन भत्ता दिए जाने की व्यवस्था की गई है।
एसटी कर्मचारियों की खाने के साथ साथ रहने की भी शिकायतें अनिल पर्व के पास गई थी जिसके बाद उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया है कि वह टीम बनाकर इस बात की जानकारी लें और केंद्रीय कार्यालय को अपनी रिपोर्ट भेजें। अनिल परब ने कहा है कि एसटी कर्मचारियों को रहने और खाने की किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। इस बात का विशेष ख्याल रखा जाए।
बेस्ट बस में अपनी सेवा दे रहे एक सोलापुर के एसटी कर्मचारी की 2 नवंबर को कोरोना से दुखद मौत होने की बात सामने आई है। मृतक एसटी कर्मचारी का नाम भगवान गावडे था। यूनियन की तरफ से यह आरोप लगाया जा रहा है कि सही समय पर उपचार न मिल पाने की वजह से उनकी मौत हो गई। भगवान गावड़े सोलापुर के मंगलवेढ़ा एसटी बस डिपो में ड्यूटी पर तैनात थे। बेस्ट बस में अपनी सेवाएं देने के लिए सोलापुर से 100 कर्मचारी मुंबई आए हुए थे।

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