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बांद्रा : बांद्रा पुलिस स्टेशन में बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है. आईपीसी की धारा 295(a) 153 (a) और 124(a) के तहत ये FIR लिखी गई है और FIR MECR नंबर 3/20 है. बता दें कि बांद्रा कोर्ट ने कास्टिंग डायरेक्टर साहिल अशरफ सय्यद की शिकायत के बाद हाल ही में कंगना और उनकी बहन के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश दिए थे.

साहिल के वकील रवीश जमींदार ने बताया कि ये सभी धाराएं नॉन बेलेबल हैं. आज कोर्ट से आदेश मिलने के बाद कोर्ट की ऑर्डर कॉपी लेकर शिकायतकर्ता और उनके वकील बांद्रा पुलिस स्टेशन पहुंचे थे. FIR के मुताबिक कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल ने अपने ट्वीट्स के जरिए सांप्रदायिक सदभाव बिगाड़ने और महाराष्ट्र सरकार का नाम बदनाम करने का काम किया है.

पुलिस पहले इस केस में शिकायक कॉपी को पढ़ेगी और फिर इस मामले में सबूत जुटाने की कोशिश करेगी. पुलिस इस मामले की गहराई से जांच करने की कोशिश करेगी और जब भी जरूरत होगी वे इस मामले में कंगना को समन भी कर सकते हैं. बता दें कि कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया था कि कंगना रनौत लगातार बॉलीवुड को बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से लेकर टीवी तक, हर जगह वह बॉलीवुड के खिलाफ बोल रही हैं. वह लगातार बॉलीवुड को नेपोटिज्म और फेवरेटिज्म का अड्डा बता रही हैं.याचिका में आरोप लगाया गया कि कंगना ने बॉलीवुड के हिंदू और मुस्लिम कलाकारों के बीच खाई पैदा की है. वह लगातार आपत्तिजनक ट्वीट कर रही हैं जिससे न केवल धार्मिक भावनाएं आहत हुई बल्कि फिल्म इंडस्ट्री में कई लोग इससे आहत हैं.

इस पूरे प्रकरण पर कंगना रनौत के वकील रिजवान सिद्दकी ने कहा, 'मुझे उन ट्वीट्स को चेक करनी होगा जिनका उल्लेख कोर्ट में किया गया है. जिन ट्वीट्स के बारे में बात की गई है, हो सकता है कि उनकी व्याख्या गलत तरीके से की गई हो. मुल्ला का मतलब धार्मिक प्रमुख होता है. आदेश की प्रतिलिपि मिलने के बाद ही इस पर कुछ टिप्पणी कर सकूंगा.

वकील रिजवान ने कहा, 'ऐसा कुछ नहीं है जिससे लगे कि वह सांप्रदायिक नफरत फैला रही हैं. मैं मुस्लिम हूं और पिछले 10 साल से कंगना के साथ जुड़ा हूं.' उन्होंने कहा, 'मैं उनके ट्वीट पर बोलने के लिए अधिकृत नहीं हूं. एक बार जब मुझे पूरी ऑर्डर कॉपी मिल जाएगी तो मैं इसके बारे में बोल सकूंगा.' 

उन्होंने कहा, 'सांप्रदायिक घृणा के लिए मेरे क्लाइंट के ट्वीट्स जिम्मेदार नहीं हैं. इसके लिए यह साबित करना होगा कि वे ट्वीट्स सांप्रदायिक घृणा के लिए जिम्मेदार हैं. मुल्ला के खिलाफ उनका ट्वीट इस्लाम समुदाय के खिलाफ नहीं बल्कि धार्मिक प्रमुख के खिलाफ है, यह पैगंबर मुहम्मद या मुसलमानों के खिलाफ नहीं है. कंगना किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं हैं.'

असल में, इस सिलसिले में बांद्रा पुलिस स्टेशन ने कंगना के खिलाफ संज्ञान लेने से मना कर दिया. जिसके बाद याचिकाकर्ता ने मामले में जांच के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कोर्ट ने कंगना रनौत के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं. 

फिलहाल, मामले में शिकायतकर्ता कास्टिंग डायरेक्टर साहिल सैय्यद ने कहा, 'मैं इस इंडस्ट्री में पिछले एक दशक से काम कर रहा हूं. मैंने इस तरह की सांप्रदायिक नफरत पहले कभी नहीं देखी. जब मैं किसी काम के लिए जाता हूं और अपना नाम साहिल बताता हूं तब तक तो सब कुछ ठीक होता है. लेकिन जैसे ही मैं अपना पूरा नाम साहिल सैय्यद बताता हूं, सब चीजें बदल जाती हैं और कहा जाता है कि आप बाद में आएं. ऐसी हालत है.' 

साहिल ने कहा, 'ऐसा कभी नहीं हुआ. यह सब कुछ कंगना रनौती के ट्वीट और मीडिया के कुछ हिस्सों में चलने वाले उनके बयान की वजह से हो रहा है. उन्होंने बहुत सांप्रदायिक नफरत पैदा की है. पिछले दो महीनों से इंडस्ट्री में काम करना बहुत मुश्किल हो गया है. इसलिए मैंने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. महाराष्ट्र सरकार और मुंबई के खिलाफ उनका बयान भी बहुत गलत है. उन्होंने मुंबई से सब कुछ कमाया है और अब वह मुंबई को बदनाम कर रही हैं.'

साहिल सैय्यद के वकील रवीश जमींदार ने कहा, "शुरू में हमने बांद्रा पुलिस थाने का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उन्होंने हमारी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की. हमने बांद्रा जोनल डीसीपी से भी संपर्क किया, लेकिन उन्होंने भी कुछ नहीं हुआ. इसलिए आखिरकार हमने बांद्रा अदालत में शिकायत दर्ज की और आज हमारे पास आदेश है. अदालत ने बांद्रा पुलिस को कंगना के खिलाफ IPC की धारा 295 (ए) 153 (ए) 124 (ए) के तहत एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं. सभी मामले में गैर जमानती हैं. हमें मामले में तत्काल कार्रवाई की उम्मीद है. सबूत के तौर पर हमने कंगना के सभी ट्वीट और मीडिया स्टेटमेंट दिए हैं."


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