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मुंबई : पश्चिम रेलवे में 15 अक्टूबर से कुल 700 लोकल ट्रेनें चलेंगी और मध्य रेलवे भी अपनी वर्तमान सेवा बढ़ाने पर विचार कर रही है। इसके बाद सवाल उठ रहा है कि इन लोकल ट्रेनों में क्या अत्यावश्यक सेवाओं के बाहर के लोगों को भी सफर करने की इजाजत होगी। एक भरोसेमंद सूत्र ने बुधवार को बताया कि सरकार को इस बात का एक प्रस्ताव दिया गया है कि नॉन पीक ऑवर्स में सभी महिलाओं को लोकल सेवा में सफर की छूट दी जा सकती है। इस सूत्र ने यह भी साफ किया कि अभी यह सिर्फ प्रस्ताव है, इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है। 

सूत्र के अनुसार, पुरुषों के मामले में अत्यावश्यक और गैर अत्यावश्यक सेवाओं के पहचान पत्र की शिनाख्त करना बहुत आसान नहीं है, लेकिन महिलाओं को लेकर ऐसी कोई समस्या भी नहीं है। फिर महिलाएं पुरुषों के कोच में भी सफर कर सकती हैं। वैसे रेलवे ने सिर्फ महिलाओं के लिए ही कुछ लोकल ट्रेनें फिर शुरू कर दी हैं। सूत्र के मुताबिक, जहां पर वर्क फ्रॉम होम कल्चर संभव है, बहुत सी कंपनियां शायद अभी कुछ और महीनों तक इस परंपरा को अपनाए या खुद सरकार उनसे ऐसा करने को कहे। इस वजह से यह तो तय है कि लोकल ट्रेनों में अब मार्च के लॉकडाउन से पहले जितनी पुरुषों और महिलाओं, दोनों की भीड़ नहीं रहेगी। 

जिन कंपनियों में ऑफिस में जाकर ही काम करना जरूरी हो, यदि ये कंपनियां नॉन पीक ऑवर्स में अपने कर्मचारियों को बुलाएंगी, तो महिलाएं लोकल ट्रेनों में भीड़ से काफी हद तक बच जाएंगी। कुछ दिनों पहले इस प्रस्ताव पर भी विचार हो चुका है कि यात्रियों को ऑड इवन की तर्ज पर T1 और T2 रेलवे पास दिए जाएं। फिलहाल इस प्रस्ताव को हरी झंडी नहीं मिली है।


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