Latest News

चीन : चीन ने भारत से सीमा विवाद की सबसे बड़ी वजह बताई है. चीन के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि भारत चीन से लगी सीमा पर इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास कर रहा है और सैनिकों की तैनाती बढ़ा रहा है जो तनाव की मूल वजह है. चीन विवादित सीमा के करीब भारत के सैन्य उपकरणों को बढ़ाने का विरोध करता है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, कुछ वक्त से भारतीय पक्ष सीमा पर इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास कर रहा है और सैनिकों की तादाद बढ़ा रहा है जो दोनों पक्षों के बीच तनाव का मुख्य कारण है. हम भारतीय पक्ष से अपील करते हैं कि आपस में बनी सहमति पर अमल करे और ऐसे कदम उठाने से बचे जिससे हालात और तनावपूर्ण हो. भारत सीमाई इलाके में शांति और स्थिरता कायम रखने के लिए ठोस कदम उठाए.

झाओ से भारत के लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में बनाए जा रहे पुलों को लेकर सवाल किया गया था. इन पुलों की मदद से चीन के साथ सटे सीमाई इलाकों तक भारतीय सेना पहुंच आसान हो जाएगी. भारत एलएसी पर लगातार अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रहा है. हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल के रोहतांग में दुनिया की सबसे लंबी टनल का भी उद्घाटन किया जिसे लेकर चीनी मीडिया में भी खूब चर्चा हुई. पीएम नरेंद्र मोदी ने सुरंग का उद्घाटन करते हुए कहा था कि ये सुरंग देश के बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर की नई ताकत बनेगी. पीएम मोदी ने चीन को इशारों-इशारों में संदेश देते हुए कहा कि बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर की कई परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और कई पर तेजी से काम चल रहा है. इसके बाद, ग्लोबल टाइम्स ने भी अटल टनल को लेकर एक ओपनियन आर्टिकल छापा था और कहा था कि चीन के साथ जंग में ये टनल काम नहीं आएगी.

भारत और चीन के बीच सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर कई वार्ता हो चुकी हैं. हालांकि, अभी तक कोई समाधान नहीं निकल सका है. पिछले सप्ताह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन द्वारा निर्मित 44 पुलों का उद्घाटन किया था. बीआरओ 102 पुलों पर काम कर रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश की चीन से लगती सीमा के करीब 30 पुलों का निर्माण कर रहा है.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अरुणाचल और लद्दाख का भी अपने बयान में जिक्र किया. झाओ ने कहा, पहले तो मैं ये स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि चीन ना तो भारत के अवैध केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख को मान्यता देता है और ना ही अरुणाचल प्रदेश को. चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाने को लेकर भी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी


Weather Forecast

Advertisement

Live Cricket Score

Stock Market | Sensex

Advertisement