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मुंबई : 5 महीने बाद कुछ शर्तों के साथ मुंबई में अनलॉक की घोषणा से लोग सड़कों पर उमड़ पड़े हैं. मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेन की भीड़ रास्ते पर दिखाई दे रही है. लॉकडाउन के पहले मुंबई में रोजाना लोकल ट्रेनों की 3 हजार से ज्यादा फेरियां होती थीं.इस समय अत्यावश्यक यात्रियों के लिए मध्य और पश्चिम रेलवे के माध्यम से लगभग 700 लोकल फेरियां संचालित हो रहीं हैं.एक चौथाई से भी कम लोकल के संचालन से एसटी,बेस्ट और अन्य सार्वजनिक और निजी वाहनों पर भारी दबाव है.

राज्य सरकार के अनलॉक की घोषणा के बाद मुंबई में अधिकांश ऑफिस, व्यवसायिक प्रतिष्ठान, दुकाने, मॉल आदि खुल गए हैं. मुंबई और उपनगरों में भारी भीड़ की वजह से कोरोना संक्रमण के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं. निजी और सार्वजनिक वाहनों पर पड़ रहे दबाव को देखते हुए आम लोगों के लिए लोकल ट्रेन चलाने की मांग की जा रही है. मुंबई और उपनगरों में आम लोग ज्यादा किराया देकर भी यातयात के लिए परेशान हैं. अनलॉक की वजह से मुंबई की सड़कों पर हो रही भीड़ को राहत देने के लिए लोकल शुरू करना ही एकमात्र विकल्प है.इस मामले में वकीलों की याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि लोकल कब से शुरू हो सकती है?

दूसरी ओर रेल प्रशासन का कहना कि राज्य सरकार के निर्णय पर ही लोकल पूरी तरह शुरू की जा सकती है. रेल प्रशासन के अनुसार हर लोकल ट्रेन में 750 यात्रियों को ले जाया जा सकता है. लेकिन इस समय चल रही विशेष लोकल में औसतन 450-500 लोग ही यात्रा कर रहे हैं. पीक आवर्स में यह आंकड़ा थोड़ा बढ़ जाता है. वैसे लॉकडाउन से पहले पीक आवर में एक लोकल में करीब चार हजार यात्री सफर करते थे.

लॉकडाउन के पहले मुंबई लोकल में रोजाना लगभग 70 लाख लोग यात्रा करते थे. सेंट्रल, वेस्टर्न के साथ हार्बर और ट्रांस हार्बर मार्ग पर 3 हजार लोकल फेरियां होती थीं. इस समय मध्य रेलवे पर करीब सवा लाख अत्यावश्यक यात्री हैं, जबकि लगभग ढाई लाख लोगों के हिसाब से लोकल चलाई जा रही है. पश्चिम और मध्य रेलवे की लोकल से लगभग 3 लाख लोग ही यात्रा कर रहे हैं,जबकि इनके कई गुना भार एसटी, बेस्ट और अन्य निजी वाहनों पर पड़ रहा है.


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