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मुंबई : कोरोना के कहर ने मुंबई को किस तरह अपने फंदे में जकड़ रखा है इसका पता इस बात से चलता है कि इसके कारण शहर की 37 लाख की अबादी अब भी कंटेनमेंट जोन में रहने को मजबूर है. यूं तो अनलॉक-3 के बाद मुंबई को लगभग खोल दिया गया है और सड़कों पर भीड़ पहले की तरह दिखने लगी है, फिर भी स्लम के 559 और 6093 इमारतें अब भी सील हैं. बीएमसी के अनुसार, मुंबई के सील किए गए स्लम इलाकों में 37 लाख की आबादी रहती है. इसमें 7.9 लाख लोग इमारतों में रहते हैं.

अब कोरोना मरीज स्लम की अपेक्षा इमारतों में ज्यादा मिल रहे हैं. मार्च महीने में कोरोना का पहला मरीज मिला था तब लेकर अब तक बारी-बारी से 21,078 बिल्डिंगों को कंटेनमेंट जोन घोषित और फिर मुक्त किया जा चुका है. स्लम में कंटेनमेंट जोन की संख्या में धीमी गति से इजाफा हो रहा है ,जबकि इमारतों में अब सीलिंग जारी है. पी-उत्तर विभाग के सहायक मनपा आयुक्त संजोग कबरे ने बताया कि उनके वार्ड में स्लम से ज्यादा बिल्डिंगों में कोरोना के मरीज मिल रहे हैं. इसका एक कारण एंटीजन टेस्टिंग और प्राइवेट लैब में बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के टेस्टिंग की जो छूट मिली है, वह भी हो सकता है. कंटेन्मेंट जोन में 8.4 लाख हाउस होल्ड हैं, जबकि सील बिल्डिंगों में इनकी संख्या 2.2 लाख है.

कोरोना वायरस तेजी से फैलने के कारण कुर्ला, साकीनाका, भांडुप, दहिसर जैसी एरिया में सबसे ज्यादा कंटेन्मेंट जोन हैं. कुर्ला में कंटेन्मेंट जोन की संख्या सर्वाधिक 54 है. इसी तरह भांडुप में 50, दहिसर में 48, सबसे अधिक कोरोना मरीजों वाले क्षेत्र अंधेरी पूर्व में 44 और अंधेरी पश्चिम में कंटेन्मेंट जोन की संख्या 42 है. गोवंडी, मानखुर्द क्षेत्र में 33, परेल में 33, मुलुंड में 31, गोरेगांव में 27, मालाड में 25, कांदिवली में 21 और वडाला, सायन और माटुंगा में 21 कंटेन्मेंट जोन घोषित हैं. मुंबई में बी वार्ड यानी सैंडहर्स्ट रोड में सबसे कम 2 कंटेन्मेंट जोन हैं. इसी तरह वर्ली में 6, बांद्रा पश्चिम में 6, चेंबूर में 8 और बोरिवली में 10 कंटेन्मेंट जोन है. 


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