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मुंबई : कोरोना संकट अभी जाने का नाम भी ले रहा है ऊपर से अब मुंबई की सड़कों के गड्ढों ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है. आलम यह है कि जिस सड़क पर नजर जाती है, वहां गड्ढे़ ही गड्ढे़ दिखाई पड़ रहे हैं. स्थानीय मोहल्लों की सड़कें हों या एक्सप्रेस हाइवे, सभी जगह व्याप्त गड्ढे़ से आम जनता परेशान हैं. इन गड्ढों के कारण सबसे बड़ी समस्या गणपति विसर्जन में आने वाली है क्योंकि स्थानीय लोगों की मांग के बाद भी गड्ढे़ नहीं भरे जा सके हैं. बीएमसी का हालांकि ये कहना है कि इस साल मोबाइल एप पर मुंबई की सड़कों में गड्ढे़ होने की 500 शिकायतें मिली थी, जिसमें से अधिकांश गड्ढों को भर दिया गया है. बीएमसी के इस दावे को लोगों से सिरे से खारिज कर दिया है.  

सनद रहे कि मानसून में बरसात के समय से ही सड़कों में गड्ढा पड़ने का सिलसिला शुरू हो जाता है. बीएमसी हर वर्ष गड्ढों को भरने का दावा करती है इसके बावजूद सड़कों के गड्ढे़ नहीं भरे जाते हैं. दक्षिण मुंबई का चीराबाजार, गिरगांव इलाके के निवासी गड्ढों से त्रस्त हो चुके हैं. गिरगांव के नाना शंकर शेठ मार्ग पर इतने गड्ढे हैं कि उसे गिना नहीं जा सकता. चंद कदमों की दूरी पर बीएमसी का आँफिस भी है फिर भी बीएमसी को गड्ढे़ नहीं दिख रहे हैं.

दक्षिण मुंबई के कालबादेवी स्थित वेलकर स्ट्रीट, सोनापुर स्ट्रीट, चंदनवाडी, तुलशीवाडी, ताडवाडी, स. का. पाटील उद्यान के सामने भी गड्ढों की भरमार है. इसके अलावा झावबा वाडी, ठाकुरद्वार, क्रांतीनगर, फणस वाडी की सड़कों पर गड्ढे़ ही गड्ढे़ हैं. स्थानीय निवासी रमेश पंजारी ने बताया कि उन्होंने बीएमसी से गड्ढों की शिकायत की थी, बीएमसी की तरफ से जवाब मिला कि बरसात रुकने पर मरम्मत का काम शुरु होगा. उन्होंने बताया कि गणेश विसर्जन कैसे होगा इसको लेकर सभी लोग परेशान है.

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे घाटकोपर से लेकर विक्रोली तक छोटे बड़े मिलाकर सैकडों गड्ढे हैं. गड्ढों के कारण यहां ट्रैफिक बहुत धीमा रहता है. स्थानीय सांसद मनोज कोटक का कहना है कि हमने जनवरी में ही गड्ढों को भरने के लिए एमएमआरडीए के पास शिकायत की थी, लेकिन अभी तक गड्ढे़ नहीं भरे गये. वेस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे पर भी गड्ढे़ हैं. लोगों की शिकायत के बाद भी एमएमआरडीए अधिकारी संज्ञान नहीं ले रहे हैं. एमएमआरडीए अधिकारी ने बताया कि लाँकडाउन में मजदूरों की कमी और फिर पूरी यंत्रणा बीकेसी कोविड अस्पताल बनाने में में लग गई. परंतु इस पर जल्द ध्यान दिया जाएगा.

सबसे ज्यादा एल वार्ड कुर्ला से 52 गड्ढों कि शिकायतें मिली है जबकि सबसे कम डी वार्ड से मात्र 3 शिकायतें प्राप्त हुई हैं. बीएमसी के अंतर्गत आने वाली सड़कों में 433 गड्ढों की शिकायत मिली थी जिसमें से 384 गड्ढों को भर दिया गया है. बीएमसी के अन्य विभागों की सड़कों पर 50 गड्ढे़ थे जिनमें से 23 को भर दिया गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, एमएमआरडीए के अंतर्गत सड़कों पर 35, एमएसआरडीसी के 2, पीडब्ल्यूडी के 8, एसआरए 8, प्राइवेट रोड़ 23, एमटीएनएल 2,  म्हाडा 1, जीवीके के खिलाफ 1 गड्ढे की शिकायत दर्ज की गई है.


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