ठाणे : राज्य को कोरोना से मुक्ति दिलाने मुंब्रा से लें सीख
ठाणे : कोरोना को लेकर जहां ठाणे जिले में कोहराम की नौबत बनी है तो वहीं ठाणे शहर से सटे उपनगर मुंब्रा-कौसा ने एक मिसाल कायम कर दी है. मुंब्रा कोरोनामुक्त होने के कगार पर है. सरकारी आंकड़ों से भी इसकी पुष्टि हो रही है. इन बातों का जिक्र करते हुए मुंब्रा-कलवा के विधायक और गृहनिर्माण मंत्री डॉ. जितेंद्र आव्हाड ने सलाह दी है कि यदि कोरोना से लड़ने के लिए मुंब्रा पैटर्न का उपयोग व्यापक स्तर पर किया गया तो महाराष्ट्र में जारी कोरोना आतंक का सफाया हो सकता है.
कोरोना मुक्ति की कगार पर मुंब्रा
मीडिया से बात करते हुए आव्हाड ने कहा कि मुंब्रा में कोरोना को लेकर सुखद समाचार से उन्होंने ठाणे मनपा कमिश्नर डॉ. विपिन शर्मा को भी अवगत कराया है. साथ ही उनसे मुलाकात भी की है. आगे उन्होंने कहा कि जब पहली बार ठाणे शहर में कोरोना रोगी सामने आए थे तो उस समय मुंब्रा को लेकर विशेष चिंता व्यक्त की जा रही थी. कहा जा रहा था कि मुंब्रा-कौसा कोरोना के कारण कब्रगाह बन जाएगा, लेकिन मुंब्रावासियों के संकल्प के कारण ऐसी स्थिति नहीं आ पाई. इतना ही नहीं पूरे महाराष्ट्र में मुंब्रा को लेकर चर्चा होने लगी थी. कहा जा रहा था कि सबसे अधिक कोरोना का प्रसार मुंब्रा में ही होगा, लेकिन आज पूरे महाराष्ट्र में मुंब्रा पहला उपनगर है जो कोरोनामुक्ति की कगार पर खड़ा है. इन बातों का जिक्र करते हुए आव्हाड ने कहा कि गत 15 दिनों से मुंब्रा में कोरोना रोगी नहीं के बराबर पाए जा रहे हैं. यह महाराष्ट्र के लिए राहत की बात है.
ठाणे शहर में भी अपनाएं मुंब्रा पैटर्न
उन्होंने इस बात पर विशेष बल दिया कि कोरोना के कहर को रोकने ठाणे शहर में भी मुंब्रा पैटर्न अपनाया जाना लाभकारी रहेगा. मंत्री आव्हाड ने कहा कि मुंब्रा में कोरोना आतंक को कम करने में निजी वाहवाही नहीं ली जा सकती है. लोकल डॉक्टर, मनपा के अधिकारी और कर्मचारी, स्थानीय नगरसेवक, सेवाभावी संस्था के साथ ही राजनीतिक चेहरों ने मिलकर मुंब्रा में कोरोना को रोकने के लिए हर संभव अपना योगदान दिया. इसे नकारा नहीं जा सकता है. खासकर पालकमंत्री एकनाथ शिंदे का कोरोनारोधी अभियान में लगातार सहयोग मिलता रहा है. सबसे खुशी की बात है कि मुंब्रा में कोरोना को लेकर कभी भी राजनीति नहीं की गई. हर दलों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने स्तर पर कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में योगदान दिया है.
पुलिसकर्मियों की तारीफ की
आव्हाड ने इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए कहा कि मुंब्रा पुलिस थाने के तमाम अधिकारी और पुलिसकर्मियों ने अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए लॉकडाउन का पालन यहां करवाया. जबकि मुंब्रा के दर्जनों पुलिसकर्मी भी कोरोना की चपेट में आए थे. लेकिन इसके बाद भी मुंब्रा पुलिस ने पूरी तत्परता के साथ कानून व्यवस्था बनाए रखी.