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मुंबई : वैश्विक महामारी कोरोना के चलते शिक्षा क्षेत्र भी प्रभावित हुआ है. इसके बावजूद राज्य सरकार छात्रों का कम से कम नुकसान हो, शिक्षा के तमाम पहलुओं पर विचार कर रही है. छात्रों के हितों को देखते हुए शिक्षा विभाग ने 15 जून से ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने की योजना बनाई है. जिन क्षेत्रों में कम से कम एक महीने से कोविड -19 मामले नहीं मिले हैं, वहां महाराष्ट्र सरकार चरणों में स्कूल खोलने पर विचार कर रही है. इसके अलावा राज्य सरकार ने दूसरी कक्षा तक के छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई न करने का भी निर्णय लिया है. 

दूसरी तरफ, निजी क्षेत्र की कई शैक्षणिक संस्थाओं ने 1 जून से ऑनलाइन क्लास शुरू कर दिया है. रेयान इंटरनेशनल, सिंघानिया और रिलायंस इंटरनेशनल जैसी बड़ी निजी शैक्षणिक संस्थाओं ने अप्रैल महीने से ही ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर दी थीं. कुछ निजी क्लासेस आगामी सत्र के लिए दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षा समाप्त होने के तुरंत बाद एडवांस में ऑनलाइन क्लासेस शुरू कर दिए हैं और कोर्स का अधिकांश हिस्सा पूरा हो चुका है. अक्सर देखा जाता है कि संपन्न लोग अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए ज्यादा पैसे खर्च कर निजी स्कूलों में एडमिशन कराते हैं. इन छात्रों के पास लैपटॉप और मोबाइल की सुविधा होती है.

शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ के निजी सचिव सुनील चंदन ने बताया कि नौवीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए 1 जुलाई से कक्षाएं शुरू करने की योजना बनाई गई है. छठीं कक्षा से आठवीं कक्षा तक 1 अगस्त से क्लास शुरू होंगे. पहली से पांचवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए सितंबर महीने से कक्षाएं शुरू की जाएंगी. उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री के पास भेजा गया है. जिसका अनुमोदन होना बाकी है. शिक्षा विभाग कक्षा तीसरी से पांचवीं तक के छात्रों के लिए स्कूलों में एक घंटे की ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करने की अनुमति देने पर विचार कर रहा है. कक्षा छठीं से आठवीं और नौवीं से बारहवीं तक के छात्रों के लिए  क्रमशः दो से तीन घंटे की वर्चुअल क्लास होगी. ग्यारहवीं कक्षा के छात्रों के लिए क्लास दसवीं कक्षा के परिणामों की घोषणा पर निर्भर करेगी. 

उधर, ऑनलाइन क्लास के लिए विरोध के बावजूद स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षक सरकार के आदेश का पालन करने के लिए तैयारी कर रहे हैं. स्कूलों की साफ-सफाई शुरू हो गई है. प्रिंसिपल दिनेश तिवारी ने कहा कि सभी शिक्षकों को 15 जून से स्कूल आने का आदेश दिया गया है और स्कूल में साफ-सफाई का कार्य शुरू हो गया है. मुंबई महानगरपालिका ने शिक्षकों को ऑनलाइन क्लास कैसे चलाना है, इस संबंध में प्रशिक्षित किया है. 

शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को सर्कुलर जारी कर 15 जून को उपस्थित होने का आदेश तो दे दिया है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया है कि उनको आगे भी स्कूल जाना है या घर से ही ऑनलाइन पढ़ाई कराना है. शिक्षक इस दुविधा में हैं कि अगर हर दिन स्कूल जाना हुआ तो कैसे जाएंगे. लोकल ट्रेन नहीं चल रही है, बस में भारी भीड़ हो रही है, उसके लिए लंबी लाइनें लगानी पड़ रही हैं. सरकार के फैसले से कई शिक्षक संगठनों ने नाराजगी जताई है. इस संबंध में शिक्षक यूनियन ‘शिक्षक सेना’ और ‘शिक्षक सभा’ ने राज्य के शिक्षणाधिकारी को पत्र लिखा है. अधिकांश शिक्षक यह भी कह रहे हैं कि पहले जान बचाई जाए या शिक्षा दी जाए. उनका कहना है कि कोरोना संकट में घर से ऑनलाइन की व्यवस्था हो तो ठीक है, अन्यथा स्कूल पहुंचकर ऑनलाइन पढ़ाई कराना बहुत मुश्किल है.


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