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2 जून को गायब हुई थी महिला, 10 जून को अस्पताल के बाथरूम से ही मिला शव

मुंबई  : महाराष्ट्र के जलगांव में एक कोरोना मरीज 8 दिन गायब रही और आखिर में अस्पताल के अंदर ही उसकी लाश बरामद हुई। जलगांव के सिविल अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव 80 साल की महिला की लाश बाथरूम से बरामद हुई है। महिला 2 जून से लापता थी और पुलिस ने 6 जून को इस मामले में शिकायत दर्ज कर जांच शुरू की थी। महिला के इस तरह 8 दिन गायब रहने और फिर अस्पताल के बाथरूम से ही लाश बरामद होने की घटना ने अस्पताल, स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ उद्धव सरकार के ढुलमुल रवैये पर भी सवाल खड़े किए हैं। ऐसे में कुछ सवाल ऐसे हैं जिनका जवाब मिलना बेहद जरूरी है। 

कोरोना मरीजों की देखभाल और इलाज का एक तय प्रोटोकॉल होता है। मरीजों का समय-समय पर अपडेट लिया जाता है और उन्हें सख्त आइसोलेशन में रखा जाता है। ऐसे में कोई कोरोना मरीज और वह भी 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला कैसे गायब हो गई? यह सवाल ऐसा है जो सबसे ज्यादा चुभने वाला है। कोरोना वायरस जैसी बीमारी से लड़ाई में फ्रंटलाइन वॉरियर्स डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ का दर्जा इस वक्त किसी फरिश्ते से कम नहीं है। हालांकि जलगांव में 80 वर्षीय महिला के गायब होने की घटना के मामले में जलगांव सिविल अस्पताल, डॉक्टरों और नर्सों पर भी सवाल उठे हैं। एक कोरोना मरीज वॉर्ड से गायब हो गई और किसी को कुछ पता भी नहीं चला, ऐसा कैसे मुमकिन है? यह दिखाता है कि अस्पताल प्रशासन के स्तर पर कितनी बड़ी लापरवाही की गई। 

जलगांव सिविल अस्पताल (जेसीएच) के अधिकारियों और परिवार ने पुलिस को महिला के दो जून से लापता होने की सूचना दी थी। जिलापेठ पुलिस स्टेशन में वरिष्ठ निरीक्षक अकबर पटेल के मुताबिक, हमने भुसावल में पूरी जांच की, रिश्तेदारों की मौजूदगी में सभी रोगियों के रजिस्टर, सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और फिर 6 जून को शिकायत दर्ज की गई। हालांकि बाद में अस्पताल के बाथरूम से बदबू आने पर लाश बरामद हुई। ऐसे में पुलिस के जांच करने के तरीकों पर सवाल उठे हैं। सवाल इस पर उठ रहे हैं कि पुलिस ने 5 दिनों तक केस क्यों नहीं दर्ज किया? 

कोरोना मरीजों के गायब होने की घटना देश के और भी हिस्सों से सामने आई है। मगर जलगांव की घटना इसलिए भी ज्यादा हैरान करने वाली है क्योंकि आखिर में 80 वर्षीय महिला की लाश अस्पताल के बाथरूम से ही मिली। पुलिस ने 2 जून से लेकर 10 जून तक यानी करीब 8 दिन छानबीन की, अस्पताल में हड़कंप मचा रहा मगर किसी का ध्यान कैसे बाथरूम की तरफ नहीं गया? जब लाश सड़ने पर बाथरूम से दुर्गंध आने लगी तब लोगों का ध्यान उस ओर गया। जलगांव के डीएम अविनाश डांगे का भी कहना है कि यह काफी गंभीर मामला है। यह बड़ी लापरवाही है। अस्पताल के बाथरूम दिन में 2 से 3 बार साफ किए जाते थे। ऐसे में किसी ने बाथरूम में महिला को कैसे नहीं देखा? 

जलगांव के अलावा बुधवार को ही मुंबई में भी एक लापता कोरोना पॉजिटिव महिला का शव बरामद हुआ है। 62 साल की एक बुजुर्ग महिला ज्ञानती देवी का शव बांद्रा के कोरोना सेन्टर से गायब हो गया था और फिर मिला तो सीधा श्मशान में। इसके अलावा बीएमसी के राजावड़ी और शताब्दी अस्पताल से भी दो कोरोना पॉजिटिव रोगियों के लापता होने की खबरें सामने आई हैं। बीएमसी ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं। 80 वर्षीय एक मरीज शताब्दी अस्पताल से लापता हो गया था। उसका शव सोमवार रात को अस्पताल से एक किमी से दूर बोरीवली रेलवे स्टेशन के पास पड़ा मिला। घाटकोपर के राजावाड़ी अस्पताल से भी कोरोना मरीज लापता है और उसका अभी तक कोई पता नहीं चला है। ऐसे में उद्धव सरकार के इंतजामों और इकबाल पर सवाल उठते हैं। आखिर कैसे एक के बाद एक कोरोना मरीज गायब हो रहे हैं? क्या यह एक साजिश का हिस्सा है? राज्य सरकार का इन मामलों में अब तक कोई नजीर पेश करने वाली कार्रवाई न करना सरकार की इच्छाशक्ति पर और भी गंभीर सवाल खड़े करता है। 


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