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मुंबई : मुम्बई पुलिस ने कथित भड़काऊ टिप्पणी से जुड़े मामले में रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी से बुधवार को पूछताछ की। गोस्वामी दोपहर करीब दो बजे एनएम जोशी मार्ग पुलिस थाना पहुंचे। उनसे करीब दो घंटे तक पूछताछ की गई। पुलिस अधिकारियों ने उनसे पहले रिपब्लिक टीवी के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) एस. सुंदरम से पूछताछ की। थाने के बाहर गोस्वामी ने उनके खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध से कार्रवाई किए जाने और मुम्बई पुलिस द्वारा मीडिया से जुड़े उनके कार्यों में जानबूझ कर व्यवधान डालने का आरोप लगाया। अर्णब ने मीडिया बिरादरी से एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा, 'सच्चाई मेरे साथ है। हम जीतेंगे। मैंने मुम्बई पुलिस के सामने तथ्य रखे हैं। उसने मुझसे कहा कि वह मुझे पूछताछ के लिए फिर बुला सकती है।' 

गोस्वामी के खिलाफ दो प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। इनमें उन पर लॉकडाउन के दौरान बांद्रा रेलवे टर्मिनस के बाहर बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों के एकत्र होने के बारे में एक समाचार कार्यक्रम में भड़काऊ टिप्पणी करने के आरोप हैं। गोस्वामी ने पत्रकारों से कहा, 'जब मैं उनके सामने साबित करने लगा कि मेरे खिलाफ पूरा मामला मनगढ़ंत है और (शो के) वीडियो क्लिप को संपादित किया गया है तथा उसे संदर्भ से परे रखकर पेश किया गया है. तब जांच अधिकारी ने कहा कि वह बाद में मुझे पूछताछ के लिए बुलाएंगे।' 

गोस्वामी ने कहा, 'मैंने उनसे कहा कि मौजूदा कोरोना वायरस के हालात के दौरान मेरे लिए (स्वास्थ्य जोखिम) पैदा करना ठीक नहीं है।' जब उनसे पूछा गया कि उनका अगला कदम क्या होगा, तो उन्होंने कहा, 'हम अदालत में लड़ेंगे।' गोस्वामी से दो घंटे तक और उनके सीएफओ से 6 घंटे तक पूछताछ की गई। गोस्वामी ने कहा, 'यह स्पष्ट रूप से और खुल्लमखुल्ला राजनीतिक प्रतिशोध है। वाड्रा-कांग्रेस धड़ल्ले से मुंबई पुलिस का दुरूपयोग कर रही है लेकिन हमेशा की तरह वह विफल होगी।' 

गोस्वामी ने कहा, 'पालघर और बांद्रा प्रवासियों के प्रदर्शन की कवरेज को लेकर मैं अपनी बात पर अडिग हूं। नए भारत में न्यू मीडिया मजबूत हो रहा है। यह लुटियंस ब्रिगेड के आत्मावलोकन करने का वक्त है।' गौरतलब है कि बंबई हाई कोर्ट ने मामले में पुलिस के समक्ष पेश होने से गोस्वामी को छूट देने से मंगलवार को इनकार कर दिया था। उनसे बुधवार को पुलिस के समक्ष पेश होने के लिए कहा था। पुलिस ने गोस्वामी के खिलाफ दर्ज एक शिकायत के सिलसिले में पूछताछ को लेकर उन्हें तलब किया था। 

गोस्वामी के खिलाफ 29 अप्रैल को अपने एक टीवी कार्यक्रम के जरिए कथित तौर पर साम्प्रदायिक अशांति पैदा करने को लेकर यह शिकायत दर्ज कराई गई थी। अदालत ने उन्हें पायधुनी के बजाय एनएम मार्ग पुलिस थाने में पेश होने की इजाजत दी थी। दरअसल, कोरोना वायरस संक्रमण के अत्यधिक मामले सामने आने के कारण पायधुनी को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। यह पूछे जाने पर कि चैनल के सीएफओ को पूछताछ के लिए क्यों बुलाया गया, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने संकेत दिया कि यह चैनल के कामकाज की प्रक्रिया को समझने का हिस्सा हो सकता है। 


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