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मुंबई : महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई 138 साल के बाद आए चक्रवाती तूफान से बच गई। निसर्ग तूफान बुधवार की दोपहर श्रीवर्धन के पास तट से टकराया और फिर तेजी से आगे बढ़ गया। पहले ही दिशा बदल जाने के कारण इसका मुंबई पर बहुत अधिक असर नहीं दिखा। इस दौरान रायगड में भारी बारिश हुई। मुंबई और ठाणे में बारिश की रफ्तार धीमी रही। 

देर शाम तक मुंबई में किसी तरह की जनहानि नहीं हुई। पालघर में एक मजदूर की करंट लगने से मौत हो गई। ज्यादातर इलाकों में हल्की बारिश और हवाएं चलीं, जिससे मौसम सुहाना हो गया। मौसम विभाग पश्चिम भारत के उप महानिदेशक केएस होसालिकर ने बताया, 'निसर्ग बुधवार की दोपहर 12:30 बजे से 1:30 बजे के बीच श्रीवर्धन के पास टकराया। फिलहाल यह तूफान कमजोर पड़कर पुणे और नासिक के पास से गुजरकर मध्य प्रदेश की ओर बढ़ जाएगा।' 

राज्य भर में 75 हजार 940 लोगों को और मुंबई में 10 हजार सात लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। इसके अलावा 7 हजार मछुआरों की नावों को सुरक्षित रखा गया। सरकार और प्रशासन ने कई ऐहतियाती कदम उठाए थे। एनडीआरएफ की 10 टीमें तैनात की गई थीं। समुद्र तटों पर कड़ी निगरानी रही और इनके किनारे बने घरों को खाली करा लिया गया। मध्य रेलवे की कुछ ट्रेनों को डायवर्ट किया गया। मुंबई एयरपोर्ट से बुधवार दोपहर ढाई बजे से शाम 7 बजे तक हवाई सेवाएं बंद रहीं।

नरीमन पॉइंट, मरीन ड्राइव और कफ परेड के अलावा मीरा रोड, नवी मुंबई, ठाणे और अंबरनाथ सहित कई स्थानों पर पेड़ गिरे। रायगड जिले में पीडीफ अनाज के गोदाम पतरे की छत उड़ने से वहां रखा 700 मैट्रिक टन अनाज खराब हो गया। 


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