मुंबई : शव के बीच मरीजों का इलाज, महिला ने बताया कैसे तड़प-तड़पकर मरीज ने तोड़ा दम
मुंबई : कुछ दिनों पहले मुंबई के सायन अस्पताल का एक वीडियो वायरस हुआ था। इस वीडियो में दिख रहा है कि कोरोना मरीजों का इलाज शवों के बीच किया जा रहा था। अब एक बार से ऐसा ही वीडियो वायरल हुआ है। इस वीडियो में दिख रहा है कि वॉर्ड के अंदर प्लास्टिक बैग में शव पैक करके बेड पर रखा है। बेड पर रखे शव के बगल में ही दूसरे बेड पर मरीजों का इलाज चल रहा है। इस वीडियो में एक महिला कहते हुए सुनाई दे रही है कि देखिए शवों के बगल में मरीजों के बेड पड़े हैं और वहां उनका इलाज चल रहा है। इस वीडियो में शव के दाईं ओर एक महिला मरीज बैठी है। कॉर्नर पर शव बेड पर रखा है और बाईं ओर भर्ती महिला मरीज वीडियो बना रही है। वीडियो बनाने वाली महिला मराठी में कुछ कह रही है।
महिला ने कह रही है, 'यह राजावाड़ी अस्पताल है। यह शव पड़ा है जो एक महिला का है। महिला की कोरोना वायरस से मौत हुई है। यह शव वॉर्ड में बीते 11-12 घंटे से ऐसे ही पड़ा है।' यह वीडियो बीजेपी नेता नीतेश राणे ने भी ट्वीट कर लिखा, 'क्या यह वास्तव में बदलाव है या हमें अब उम्मीद खो देनी चाहिए?' वीडियो में महिला ने खुलासा किया है कि मरने वाली महिला ने मरने से पहले कई बार अस्पताल के स्टाफ से पानी मांगा लेकिन किसी ने उसे पानी नहीं दिया। महिला ने कहा, 'जब महिला को किसी ने पानी नहीं दिया तो मैंने अपनी बोतल से उसे पानी पिलाया। मुझे उसे पानी पिलाते समय डर लग रहा था क्योंकि मैंने न तो ग्लव्स पहने थे न ही मास्क लेकिन कोई और ऑप्शन नहीं था। इस महिला की तड़प-तड़पकर मौत हो गई।'
महिला ने बताया कि मरने के बाद महिला मरीज का शव अस्पताल स्टाफ ने प्लास्टिक बैग में सील करके फिर से उसी बेड पर रख दिया। यह शव कई घंटे से पड़े होने की बात महिला ने कही। महिला ने बताया, 'हम लोग कुछ खा तक नहीं सकते। हम लोगों की आंखों के सामने मौत का खेल चल रहा है। यहां पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए ताकि मरीजों की दुर्दशा सबके सामने आ सके।' बीएमसी प्रशासन ने इस मामले में कहा कि जांच कराएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक मरने के बाद शव वॉर्ड से तीस मिनट के अंदर हटा लेना चाहिए। हालांकि शवों को हटाने से पहले कई औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती है इसलिए कई बार देर हो जाती है। कई बार शव ले जाने के लिए उसके रिश्तेदार उपलब्ध नहीं होते हैं।