मुंबई : मास्टर माइंड लकडावाला मुंबई से गिरफ्तार
मुंबई : भारतीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भारतीय नौसेना के जासूसी कांड के मास्टर माइंड मोहम्मद हारून हाजी रेहमान लकडावाला (49) को मुंबई से गिरफ्तार किया है. लकडावाला मुंबई का ही रहने वाला है और उसके पाकिस्तानी खुफिया आईएसआई से जुड़े होने की जानकारी सामने आयी है.
एनआईए ने हारून लकडावाला के घर पर छापेमारी कर एक डिजिटल डिवाइस और कुछ कागजात जब्त किए हैं. एनआईए की लकडावाला से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि वह कई बार पाकिस्तान के कराची गया था और वहां हैंडलर अकबर उर्फ अली और रिजवान से मिला था. भारतीय नौसेना के जवानों को सोशल मीडिया (फेसबुक एवं ह्वाट्सअप) के जरिए हनी ट्रैप में फंसाने में लकडावाला की मुख्य भूमिका सामने आयी है. उसने न केवल नौसेना के जवानों को ट्रैप में फंसाया, बल्कि नौसेना की अहम जानकारी हासिल कर पाकिस्तान में बैठे अपने हैंडलर तक पहुंचाया था. पिछले साल दिसंबर में भारतीय खुफिया एजेंसी ने आंध्र प्रदेश में भारतीय नौसेना के एक जासूसी रैकेट का पर्दाफाश किया था. इस मामले में दो लोगों समेत 13 नौसेना के जवानों को गिरफ्तार किया गया था.
नौसेना के दो जवानों की मुंबई से ही गिरफ्तारी हुई थी. उस समय पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के मुंबई में बैठे एजेंट के विषय में जानकारी मिली थी. उसके बाद से ही भारतीय जांच एजेंसी उसे ट्रैप करने में लगी हुई थी. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों ने सोशल मीडिया पर हनी ट्रैप के जरिए 13 नौसेना के जवानों को अपने जाल में फंसा लिया था. इन लोगों को मुंबई, कारवाड़ और विशाखापट्टनम समेत देश के कई नौसैनिक अड्डों से पकड़ा था. इन लोगों पर फेसबुक समेत अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल के जरिये भारतीय नौसेना की संवेदनशील जानकारी लीक करने का आरोप है.
पाकिस्तानी जासूसी रैकेट में गिरफ्तार 7 आरोपी नौसैनिक 2017 में नौसेना में शामिल हुए थे. सितंबर 2018 में वे सोशल नेटवर्किंग साइट पर तीन से चार महिलाओं के संपर्क में आए. इन महिलाओं ने बाद में नौसेना कर्मियों का परिचय एक पाकिस्तानी हैंडलर से कारोबारी बताकर करवाया था, जिसने उनसे नौसेना के ठिकानों की गोपनीय जानकारियां हासिल की थीं. ये नौसैनिक जहाजों और पनडुब्बियों से लौटने के बाद इनके लोकेशन की जानकारी दिया करते थे. इन्होंने 2018 में सितंबर-अक्तूबर के बीच नौसेना से जुड़ी कई संवेदनशील जानकारियों हैंडलर को दी थी. इसके बदले इन्हें एक हवाला ऑपरेटर की मदद से हर महीने पैसे भी दिए गए थे.