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मुंबई: बीएमसी अस्पतालों में दवा की किल्लत आगे भी जारी रहेगी। प्रशासन का दावा है कि जल्द ही दवाएं अस्पताल में पहुंच जाएंगी, जबकि मिली जानकारी के अनुसार दवा खरीदारी की प्रक्रिया बेहद धीमी गति से आगे बढ़ रही है। साथ ही अस्पतालों में लगने वाली 100 से अधिक तरह की दवाओं के लिए बीएमसी को कोई ठेकेदार ही नहीं मिला। इसके कारण आने वाले दिनों में भी मरीजों को दवाओं के लिए मुश्किलों का सामना करना होगा। बीएमसी अपने अस्पतालों में लगने वाली दवाइयां दो सालों के लिए खरीदती है। इसके लिए कई ठेकेदार बीएमसी के साथ मिलकर काम करते हैं। दवाओं का टेंडर सितंबर 2019 में ही खत्म हो गया, जिसके कारण अस्पतालों में दवाओं की कमी की समस्या लगातार व्याप्त है। हाल ही में अगले दो सालों के लिए दवा की खरीदारी के प्रस्ताव को मंजूरी बीएमसी स्डैंडिंग कमिटी से मिल गई। एक अधिकारी के अनुसार, बीएमसी अस्पतालों में 300 से अधिक तरह की दवाइयों की खरीदारी की जाती है। इसके लिए अलग-अगल ठेकेदार हैं। इनमें से करीब 100 ऐसी दवाइयां हैं, जिनके लिए कोई ठेकेदार नहीं मिला। नतीजतन, इन दवाओं को अस्पताल पहुंचने में और भी वक्त लगेगा। एनसीपी नगरसेविका डॉ. सईदा खान ने कहा कि यह अस्पतालों में दवा की कमी के कारण मरीजों को आए दिन मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि प्रशासन इसमें तत्परता दिखाने की बजाय उदासीन रवैया अपना रहा है। यह पूरी तरह से प्रशासनिक असफलता है, जिसके कारण मरीजों के स्वास्थ्य के साथ मजाक हो रहा है।


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