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मुंबई : मुंबई में समंदर किनारे जल्द ही यॉट के लिए पार्किंग बनाने का काम शुरू हो जाएगा। समंदर में होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए मुंबई पोर्ट ट्रस्ट ने मरीना प्रॉजेक्ट का कार्य शुरू करने की तैयारी पूरी कर ली है। इसके लिए फरवरी के दूसरे सप्ताह में निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी। बीते कुछ समय से मुंबई पोर्ट ट्रस्ट की जमीन पर विश्व स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध करवाने की योजना पर काम किया जा रहा है। इसके तहत 360 करोड़ रुपये की लागत से मरीना प्रॉजेक्ट तैयार किया जा रहा है। मुंबई के प्रिंसेस डॉक में 300 यॉट की एक साथ खड़े होने की व्यवस्था की जाएगी। महानगर में मौजूदा समय में 250 से अधिक निजी यॉट, जो गेट वे ऑफ इंडिया के करीब खड़े रहते हैं। इससे प्रदूषण के साथ ही गेट वे ऑफ इंडिया की सुंदरता भी प्रभावित हो रही है।

निजी यॉट के पार्किंग स्थल के निर्माण के लिए 360 करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्रिंसेस डॉक के कुल 8 हेक्टेयर क्षेत्र का इस्तेमाल मरीना प्रॉजेक्ट के लिए किया जाएगा। पीपीपी मॉडल के तहत मरीना का निर्माण किया जाएगा। निविदा प्राप्त होने के बाद जुलाई में अग्रीमेंट किया जाएगा। इसके कुछ महीने में बाद मरीना का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। तीन साल में इसका निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के अध्यक्ष संजय भाटिया के अनुसार, मरीना में यॉट की पार्किंग के साथ ही उनकी मरम्मत की भी व्यवस्था होगी। इसके साथ ही मरीना में क्लब और होटल का भी निर्माण किया जाएगा। साथ ही यॉट के लिए पेट्रोल भी मरीना में ही उपलब्ध होगी। यॉट के लिए मुंबई में पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने की वजह से यॉट मालिकों को कई दिक्क्तों का सामना करना पड़ा था। मॉनसून के दौरान यॉट को पार्क करने के लिए अलीबाग भेजा जाता है।


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