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नई दिल्ली. चीन में कोरोना वायरस  (Coronavirus) के चलते फंसे भारतीय नागरिकों की पहली खेप दिल्ली पहुंच गई है. शनिवार सुबह इन सबको एअर इंडिया की स्पेशल फ्लाइट से दिल्ली लाया गया. इन सबको दिल्ली के अलग-अलग जगहों पर डॉक्टरों की निगरानी में अगले दो हफ्ते तक रखा जाएगा. चीन (China) से लौटे छात्रों का कहना है कि ऐसा लग रहा है कि वो नरक से लौट कर अपने देश पहुंचे हैं.

दिल्ली लौटे केरल के छात्र विनयचंद्रन ने न्यूज़ 18 से बातचीत की. वो वहां चीन के वुहान यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करते हैं. उन्होंने कहा, 'ऐसा लग रहा है मानो हमलोग किसी नरक से बाहर निकल कर आ गए हैं. जब हमलोगों को चीन में कोरोना वायरस की रिपोर्ट मिल रही थी, तो हमें लग रहा था कि हमलोग कभी भी लौट कर नहीं आ पाएंगे. एयरपोर्ट पर जांच के बाद जब हमें बोर्डिंग पास मिला तो हमारी जान में जान आई.

दिल्ली पहुंचते ही विनयचंद्रन ने सबसे पहले अपने घरवालों से बातचीत की. उन्होंने कहा, 'मैं मेडिकल का स्टूडेंट हूं. मैंने अपने परिवारवालों को बता दिया है कि मैं अगले 28 दिन तक अपने घरवालों से नहीं मिलने वाला हूं. यहां से निकलने के बाद भी मैं एक अलग कमरे में रहूंगा.'

चीन का हुबेई प्रांत इस समय कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित है. चीन से लाए गए लोगों को अलग-थलग रखने के लिए दिल्ली के पास मानेसर और छावला में केंद्र स्थापित किए गए हैं.
लोगों को एयरपोर्ट से आइटीबीपी के दिल्ली स्थित छावला कैंप ले जाया गया. वहां इनके ठहरने का इंतजाम किया गया है. कुछ दिनों तक भारत सरकार द्वारा बनाई गई डॉक्टरों की विशेष टीम और आईटीबीपी के विशेषज्ञ इन लोगों पर नजर रखेंगे जिसके बाद ये तय किया जाएगा कि इन लोगों को कहां भेजा जाए. क्या इन्हें अपने घर जाने दिया जाए या फिर आगे की जांच के लिए भेजा जाए.




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