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कई  जिलों के एसपी शीर्षों की आपराधिक घटनाओं के आंकड़े पुलिस मुख्यालय को नहीं भेज रहे हैं। इस वजह से पुलिस मुख्यालय स्तर पर रिपोर्ट तैयार करने में परेशानी हो रही है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। जिलों के एसएसपी और एसपी अबकिसी भी शीर्ष में हुए अपराध को छिपा नहीं पायेंगे। इसको लेकर पुलिस मुख्यालय सख्त हो गया है और डीजीपी ने भागलपुर सहित अन्य जिलों के एसपी को अपराध के 41 हेड और सबहेड की लिस्ट भेजी है और उसी के अनुसार आपराधिक घटनाओं की पूरी जानकारी भेजने का निर्देश दिया है।

अभी तक जिलों से एसपी अपराध की घटनाओं को लेकर जो रिपोर्ट भेजते थे उसमें चोरी और गृहभेदन की संख्या लिखकर भेज दिया करते थे। अब ऐसा नहीं होगा। अपराध के हेड को लेकर डीजीपी ने जो पत्र भेजा है उसमें अब जिले में चोरी के हेड में मूर्ति चोरी, मवेशी चोरी, साइकिल चोरी, बिजली चोरी और अन्य चोरी को अलग-अलग दर्शाते हुए रिपोर्ट भेजनी होगी। इसके अलावा सिर्फ हत्या की घटनाओं की संख्या लिखने से नहीं होगा। अब हत्या, सुपारी हत्या, गैर इरादतन हत्या और हत्या का प्रयास आदि का ब्योरा एसपी को अपनी रिपोर्ट में देनी होगी।

इस बात की भी जानकारी पुलिस मुख्यालय को मिली है कि कई जिलों से पुलिस पर हमले की घटना को विविध वाले शीर्ष में जोड़कर भेज दिया जा रहा जिससे पुलिस पर हुए हमले की सही जानकारी पुलिस मुख्यालय को नहीं मिल पा रही है। भागलपुर के संबंध में भी ऐसी ही सूचना है। भागलपुर से जो पुलिस मुख्यालय रिपोर्ट भेजी गयी है, उसमें पुलिस पर हमले की घटना में शून्य दर्शाया गया है जबकि यहां पुलिस पर हमले की घटना हुई है और पुलिस के बयान पर केस भी दर्ज कर आरोपी को जेल भेजा गया है। 

30 जुलाई 2019 को हबीबपुर के दाउदवाट में कुख्यात सोनू यादव को पकड़ने गयी पुलिस पर हमला हुआ और राइफल छीनने का प्रयास हुआ था। एएसआई के बयान पर केस दर्ज हुआ था। अगस्त 2019 में बुद्धुचक पुलिस पर लोगों ने हमला किया था। डीजीपी ने कहा कि अब ऐसा नहीं चलेगा। पुलिस पर हमले को विविध में नहीं डाल सकेंगे एसपी। उन्हें इसे दर्शाना ही होगा। 

हाल में एनसीआरबी द्वारा जारी आपराधिक आंकड़ों को लेकर विवाद शुरू हो गया है। एनसीआरबी ने बिहार में आपराधिक घटनाओं की संख्या और राज्य की रैंकिंग जो जारी किया है यहां के अधिकारी उसे सही नहीं बता रहे। भागलपुर की बात की जाये तो पिछले महीने सीआईडी ने अक्टूबर में घटित आपराधिक घटनाओं की समीक्षा की जिसमें भागलपुर में पांच हत्या की घटना हुई और यह संयुक्त रुप से अन्य जिलों के साथ 10वें नंबर पर रहा। यहां पर अक्टूबर में लूट की आठ घटनाएं हुई और यह संयुक्त रुप से सातवें स्थान पर रहा। अक्टूबर महीने में भागलपुर में गृहभेदन की 24 घटनाएं हुई और यह राज्य में तीसरे नंबर पर रहा। बलात्कार की पांच घटनाओं के साथ भागलपुर संयुक्त रुप से सातवें नंबर पर रहा।


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