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मुंबई : महाराष्ट्र में नए राजनीतिक गठबंधन महाविकास अघाड़ी का सबसे बड़ा फायदा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने उठाया जिसे कुल 16 मंत्रालय मिलने जा रहे हैं। उसे नई सरकार में उप-मुख्यमंत्री का पद भी मिलने वाला है। वहीं, शिवसेना के 15 कैबिनेट मिनिस्टर होंगे। साथ ही, मुख्यमंत्री का पद पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के नाम हो ही चुका है। जहां तक बात कांग्रेस की है तो पार्टी को 12 मंत्री पद से ही संतोष करना होगा। इसके अलावा, अघाड़ी ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए आज होने वाले चुनाव में कांग्रेस विधायक नाना पटोले को अपना उम्मीदवार बना रखा है।

सभी कॉमेंट्स देखैंअपना कॉमेंट लिखेंशिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच गठबंधन के लिए हुई बातचीत का हिस्सा रहे एक कांग्रेस नेता ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस को स्पीकर पद दिए जाने के बाद शिवसेना ने अपने कोटे का एक मंत्रालय एनसीपी को दे दिया। उन्होंने कहा, 'इसका (गठबंधन का) मकसद हर कीमत पर बीजेपी को सत्ता से दूर रखना था। हालांकि, इस प्रक्रिया में कांग्रेस सबसे बड़े नुकसान में रही।'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और महासचिव मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ 15 दिन पहले दिल्ली में हुई पहली मीटिंग में एनसीपी और शिवसेना महाराष्ट्र विधानसभा का अध्यक्ष और 12 मंत्री पद कांग्रेस को देने पर राजी हुई थी। दोनों दल कांग्रेस को अलग से एक डेप्युटी सीएम का पद देने पर भी सहमत हुए थे।

उसके बाद हुई एक मीटिंग में एनसीपी ने राज्य में दो डेप्युटी सीएम बनाए जाने के प्रस्ताव पर आपत्ति प्रकट की।

फिर बात हुई कि अगर कांग्रेस ने डेप्युटी सीएम पर अपना दावा छोड़ा तो उसे विधानसभा अध्यक्ष पद दे दिया जाएगा। एनसीपी और कांग्रेस, दोनों को डेप्युटी सीएम का एक-एक पद देने के मुद्दे पर 15 दिनों तक कई दौर की बातचीत हुई। आखिरकार कांग्रेस को डेप्युटी सीएम की मांग छोड़कर विधानसभा अध्यक्ष से खुश होना पड़ा।

हालांकि, कांग्रेस ने गुरुवार को एनसीपी और शिवसेना से कहा कि उसे स्पीकर पद में दिलचस्पी नहीं है और वह उप-मुख्यमंत्री के पद पर भी कोई दावा नहीं करेगी। कांग्रेस नेता ने बताया, 'एनसीपी नेता अजित पवार ने स्पष्ट कहा कि अब कुछ नहीं हो सकता है और सरकार में सिर्फ एक उप-मुख्यमंत्री होगा जो एनसीपी का होगा।' उन्होंने आगे बताया, 'उन्होंने (अजित पवार ने) कहा कि कांग्रेस को स्पीकर पोस्ट दिया जाएगा।'

इस बातचीत के बाद कांग्रेस के पास कोई विकल्प नहीं बचा था। कांग्रेस नेता ने कहा, 'जब स्पष्ट हो गया कि अब समझौते की कोई गुंजाइश नहीं रह गई है तो सोनिया गांधी ने पूर्व सांसद नानाभाई पटोले का नाम स्पीकर के लिए बढ़ा लिया।' गौरतलब है कि पटोले बीजेपी से सांसद रहे हैं। उन्होंने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ पहला मोर्चा खोला था। उन्होंने मोदी पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था और बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में चले गए थे।


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