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बिहार : मध्यप्रदेश में इंदौर के एक कोचिंग संचालक को बिहार के एक गिरोह का सदस्य बताकर बिल्डर से फिरौती मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों ने खुद को बिहार के गिरोह के सदस्य बताकर स्थानीय रीयल एस्टेट कारोबारियों से फिरौती मांगी थी। कोचिंग क्लास संचालक और उसके साथी शिक्षक को पुलिस ने सोमवार को यहां धर दबोचा।  वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रुचिवर्धन मिश्र ने संवाददाताओं को बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान आनंदम कोचिंग क्लास के संचालक आनंद अग्रवाल (49) और इस संस्थान में अंग्रेजी पढ़ाने वाले शिक्षक संतोष मीणा (30) के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि दोनों आरोपियों ने खुद को बिहार के "खालिद मुन्नाभाई गिरोह" के सदस्य बताकर शहर के कुछ रीयल एस्टेट कारोबारियों को वॉट्सऐप पर वॉइस मैसेज भेजे थे। इन संदेशों में धमकी दी गयी थी कि अगर कारोबारियों ने बताये गये बैंक खातों में "प्रोटेक्शन मनी" के रूप में 10-10 लाख रुपये जमा नहीं कराये, तो उनके हाथ-पैर तोड़कर उन्हें अपाहिज बना दिया जायेगा। एसएसपी ने बताया कि आरोपियों ने वॉइस मैसेज भेजने से पहले हिन्दी बोलने के बिहारी लहजे का कई बार अभ्यास भी किया था, ताकि उनके "शिकारों" को भरोसा हो सके कि वे बिहार से ही बात कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आरोपी इस गोरखधंधे में फर्जी पहचान वाले सिम कार्ड का उपयोग करते थे। उन्होंने अवैध वसूली का धन प्राप्त करने के लिये अन्य लोगों के नाम पर जालसाजी से बैंक खाते भी खुलवाये थे। एसएसपी ने बताया कि पुलिस को मामले की जांच में पता चला है कि आरोपी सूबे के आला अधिकारियों को भी वारदात के इसी तरीके से धमकाकर उनसे अवैध वसूली की फिराक में थे। इसके लिये उन्होंने इंदौर के साथ ही देवास और उज्जैन जैसे पड़ोसी जिलों में शासकीय अधिकारियों की कॉलोनियों मे घूम-घूमकर घरों के बाहर लगी नेमप्लेटों की जानकारी नोट की थी। मामले में विस्तृत जांच जारी है।


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