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महाराष्ट्र में जारी सियासी खींचतान के बीच बड़ी खबर आ रही है. सरकार गठन में बीजेपी का समर्थन करने वाले एनसीपी नेता को एंटी करप्शन ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के मामले में क्लीनचिट दे दी है.

सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र के एंटी करप्शन ब्यूरो का कहना है कि आज जो मामले बंद किए गए हैं, वे सशर्त बंद किए गए हैं, अगर इन मामलों में ज्यादा जानकारी सामने आती है या अदालतें आगे जांच का आदेश देती हैं, तो जांच दोबारा शुरू की जा सकती है.

महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के महानिदेशक, परमबीर सिंह ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया है, 'हम सिंचाई संबंधी शिकायतों में लगभग 3000 टेंडर्स की जांच कर रहे हैं.जो मामले बंद किए गए हैं, वे रूटीन मामले थे. इसके अलावा सभी मामलों में जांच वैसे ही चल रही है जैसे पहले चल रही थी.'


हालांकि, एसीबी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यह कहना उचित नहीं है कि अजित पवार को क्लीनचिट दे दी गई है. एसीबी के मुताबिक, सिर्फ 9 टेंडर्स के केस में अजित पवार को राहत मिली है और ये केस सबूत नहीं मिलने के कारण बंद कर दिए गए हैं.

सूत्रों के मुताबिक, सिंचाई घोटाले से संबंधित 3000 प्रोजेक्ट्स जांच के घेरे में हैं. लेकिन एसीबी ने सोमवार को सिर्फ उन्हीं मामलों को बंद किया है, जिनकी जांच में एसीबी को कुछ नहीं मिला.

ऐसे में यह कहना गलत है कि सिंचाई घोटाले की जांच बंद कर दी गई है. अभी तक कई टेंडर की जांच की गई है, लेकिन एसीबी को अजित पवार के खिलाफ कुछ भी नहीं मिला है.

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