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मुंबई : महिलाओं और बच्चियों के लिए सबसे ज्यादा सुरक्षित शहरों में शुमार देश की आर्थिक राजधानी मुंबई अब असुरक्षित होती जा रही है। कानून-व्यवस्था सख्त होने के बावजूद यहां बच्चियों और महिलाओं से संबंधित घटनाएं कम नहीं हो रही हैं। इसके ताजा उदाहरण 5 दिन पहले भा यखला में दो बेटियों से सौतेले पिता ने किया रेप और शिवडी के एक शौचालय में नाबालिग से दुष्कर्म का प्रयास हैं। बच्चियों के साथ होने वाली आपराधिक घटनाओं से निपटने के लिए पॉक्सो ऐक्ट को सख्त बनाने के लिए सरकार ने कई सुधार किए हैं। इनमें मृत्यु दंड भी शामिल है। बावजूद इसके, बच्चियों के खिलाफ अपराध थम नहीं रहे हैं। बता दें कि पॉक्सो ऐक्ट को केंद्र सरकार ने नवंबर 2012 में लागू किया था। नैशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार, नाबालिगों से होने वाले अपराध यानी पॉक्सो ऐक्ट के तहत दर्ज मामलों में यूपी के बाद महाराष्ट्र का नंबर है। यहां पॉक्सो के तहत 2017 में 1,112 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 467 मामले बलात्कार के ही हैं। 2018 में यह आकड़ा 1,222 हो गया यानी लगभग 10 प्रतिशत का इजाफा हुआ। वहीं, इस साल मई तक 529 मामले दर्ज हो चुके हैं, जिनमें 235 बलात्कार एवं 252 यौन उत्पीड़न के हैं।  महिलाओं एवं नाबालिग बच्चियों पर हो रहे लैंगिक अत्याचार को देखते हुए मुंबई पुलिस गैर सरकारी संस्था स्नेहा (SNEHA) के साथ मिलकर प्रशिक्षण शिविर आयोजित करती है। इस शिविर में महिलाओं व बच्चियों को घरेलू हिंसा, यौन शोषण, गुड टच-बैड टच और पॉक्सो ऐक्ट जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी और इससे निपटने के बारे में बताया जाता है।


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