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नई दिल्ली, जेएनएन। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने सोमवार को एक बड़ा फैसला करते हुए जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम पर लगा प्रतिबंध हटा लिया। 14 अक्टूबर को आईसीसी की तरह से जिम्बाब्वे क्रिकेट फैंस के लिए खुशी की खबर आई। आईसीसी ने टीम के उपर लगाया गया बैन खत्म करने का फैसला लिया।
जुलाई में आईसीसी ने सालाना बैठक में सर्वसम्मति के साथ जिम्बाब्वे क्रिकेट पर सुशासन के सिद्धांतों का पालन नहीं करने की वजह से उसके इंटरनेशनल मैच खेलने पर पाबंदी लगा दी थी।
दुबई में सोमवार को हुई आईसीसी की बौर्ड मीटिंग में बड़ा जिम्बाब्वे और नेपाल के टीम की सदस्यता पर चर्चा की गई। इसके बाद दोनों ही टीमों को आईसीसी के सदस्य के तौर पर बहाल करने का फैसला लिया गया। दुबई में हुई आईसीसी की इस बैठक में आईसीसी के चेयरमैन और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिम्बाब्वे क्रिकेट के चेयरमैन और जिम्बाब्वे के खेल मंत्री मौजूद थे। सरकार की दखल की वजह से आईसीसी द्वारा जिम्बाब्वे क्रिकेट पर इसी साल जुलाई में प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया था।  
आईसीसी के चेयरमैन शशांक मनोहर ने कहा, "मैं जिम्बाब्वे के खेल मंत्री को धन्यवाद देना चाहूंगा जिनकी कोशिश की वजह से जिम्बाब्वे में दोबारा से इंटरनेशनल क्रिकेट बहाल करने का रास्ता साफ हुआ। जिम्बाब्वे क्रिकेट की सहायता करने की दिशा में उनका काम साफ तौर से बहुत सरायनीय रहा और उन्होंने आईसीसी द्वारा तय की गई सभी शर्तों को बिना किसी तरह के परेशानी से माना। जिम्बाब्वे क्रिकेट को दी जाने वाली सहायता जारी रहेगी और इसे उपर लाने की लगातार कोशिश हरसंभव जारी रहेगी।"  
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आईसीसी के इस फैसले के बाद अब जिम्बाब्वे की टीम जनवरी में आईसीसी अंडर-19 विश्व कप में हिस्सा ले पाएगी। वहीं 2020 के आखिर में होने वाले आईसीसी सुपर लीग में भी टीम के भाग लेने का रास्ता साफ हो गया है। नेपाल की टीम की सदस्यता भी सरकारी हस्तक्षेप ना किए जाने की शर्तों पर दोबारा दी गई है।

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