प्रेमी को पाने के पहले की ससुर की हत्या, फिर उसे बचाने के लिए पुलिस के सामने खेला ये खेल
छह दिन बाद ही सही लेकिन अतरौली पुलिस ने किसान तोताराम के असली कातिल को गिरफ्तार कर ही लिया। पुत्रवधू नेमवती के बार-बार इकबालिया बयान बदलने के कारण असमंजस में आई पुलिस को सर्विलांस और नेमवती के मोबाइल की सीडीआर ने बड़ी कामयाबी दिला दी। पुलिस ने बुलंदशहर के डिबाई से उसके प्रेमी को दबोचकर हत्या में प्रयुक्त असलहा भी बरामद कर किया है। यह मामला उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के अतरौली का है।
एक अक्तूबर को गांव चकाथल के माजरा कलियानपुर में किसान तोताराम की हत्या कर दी गई थी। हत्या इतनी बेरहमी से की गई थी कि गर्दन पर पांच से छह वार धारदार हथियार से करने के बाद उसकी एक आंख भी फोड़कर निकालने का प्रयास किया गया था। इससे पुलिस को शक था कि घटना को किसी करीबी ने ही खुंदक में अंजाम दिया है। बेटे आनंद की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया था।
पुलिस ने जब पड़ताल शुरू की तो दो दिन बाद ही तोताराम की पुत्रवधु नेमवती का नाम सामने आ गया। पुलिस ने सख्ती से नेमवती से पूछताछ की तो उसने गुनाह कुबूल लिया। पहले उसने डिबाई के गांव मऊ नगला निवासी कालू को अपना प्रेमी बताते हुए हत्या में सहयोगी बता दिया। लेकिन जब पुलिस ने पड़ताल की तो हकीकत सामने आ गई। इसके बाद नेमवती ने अपने ससुर की हत्या में अपने भाई, जेठ और बहनोई का नाम हत्या में शामिल बता दिया। कहानी भी अलग सुनाई। पुलिस को इस बार भी कोई सफलता नहीं मिली। लेकिन जब पुलिस ने नेमवती के मोबाइल की लोकेशन और उसकी सीडीआर निकाली तो पूरी कहानी खुल गई। पुलिस ने डिबाई के गांव तुरसी नगला निवासी विजय को दबोच लिया। उसने पूछताछ में घटना का राज उगल दिया।
मोबाइल ने खोला तोताराम की हत्या का राज
नेमवती के झूठे बयानों से परेशान पुलिस को सफलता तब मिली जब पुलिस ने नेमवती के मोबाइल की सीडीआर खंगाली। सर्विलांस की मदद से सीडीआर मिलते ही विजय के मोबाइल पर लगातार कई-कई बार बातचीत की पुष्टि तो हुई साथ ही हत्या के दौरान, उससे पहले और बाद में भी लंबी बातचीत की पुष्टि हो गई। पुलिस ने जब नंबर पर संपर्क करके बुलंदशहर के डिबाई थाना के गांव तुरसी नगला से विजय को दबोचा तो उसने हत्या का राज उगल दिया। पुलिस ने उससे तोताराम की हत्या में प्रयुक्त चाकू भी बरामद कर लिया है।
नेमवती ने अपने आशिक को बचाने के लिए कम प्रयास नहीं किया। पहले डिबाई के कालू को अपना प्रेमी बताया। पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो कुछ हाथ नहीं लगा। दो दिन की पूछताछ में जब पुलिस खाली हाथ नजर आई तो फिर नेमवती से सख्ती की। इस बार उसने अपने जेठ, भाई और बहनोई को फंसाने का इंतजाम कर दिया लेकिन पुलिस की तफ्तीश में ये कहानी भी कोरी निकली। और हकीकत जानने के लिए सर्विलांस की मदद ली।
अतरौली सीओ पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि नेमवती लगातार झूठ बोलकर अपने प्रेमी को बचाने और पुलिस को उलझाने का काम कर रही थी। सर्विलांस की मदद से उसकी पूरी कहानी खुलकर सामने आ गई है। पुलिस ने हत्या में प्रयोग किए गए चाकू के साथ उसके प्रेमी विजय को दबोच लिया है। पूछताछ की जा रही है। हत्या में और कौन-कौन शामिल इसका पता लगाया जा रहा है।