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मुंबई : देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में शुक्रवार को गोवंडी स्टेशन के पास ट्रेन से कटकर एक भिखारी की मौत हो गई। रेलवे पुलिस ने भिखारी की पहचान 82 साल के बिरभीचंद आजाद के रूप में हुई है। पुलिस इस भिखारी के घर पहुंची तो उसे 1.77 लाख रुपये के सिक्के और 8.77 लाख रुपये के फिक्स्ड डिपॉजिट के पेपर्स मिले। इस व्यक्ति ने पैन कार्ड, आधार कार्ड और सीनियर सिटिजन कार्ड भी बनवा रखा था। भिखारी की झोपड़ी में इतनी दौलत देखकर पुलिस भी हैरान रह गई। चार बैगों में भरकर रखे गए सिक्कों को गिनने में भी पुलिस को छह घंटे लगे। सीनियर इन्स्पेक्टर नंदकुमार सासते ने हमारे सहयोगी अखबार मुंबई मिरर से बातचीच में कहा, 'झुग्गी वाली इस कॉलोनी में रहने वाले लोगों ने बताया कि वह भिखारी ही था। उसके कुछ कागजों में उसके घर का पता राजस्थान का है। वह मुंबई में अकेला ही रहता था।

शुक्रवार को हुए इस हादसे के बाद झोपड़ी में पहुंची दर्जन भर पुलिसवालों की टीम आजाद की संपत्ति से जुड़ी कार्रवाई को रविवार तक पूरी कर पाई। 10X10 की इस छोटी सी छोपड़ी में लाखों की दौलत देख पुलिसवाले भी हैरान रह गए। इन्स्पेक्टर सासते ने कहा, 'हमने शनिवार रात को सिक्के गिनने शुरू किए और रविवार सुबह तक गिनते रहे। पूरे कमरे में बहुत सारे कागज पड़े थे, जिसमें 8.77 लाख रुपये के फिक्स्ड डिपॉजिट के भी पेपर्स थे। हमने राजस्थान पुलिस को बिरभीचंद आजाद के बारे में सूचना दे दी है। जानकारी के मुताबिक, आजाद गोवंडी में कई साल से रहता था। वह हार्बर लाइन के रेलवे स्टेशनों पर भीख मांगता था। झुग्गियों में रहने वाले एक फेरी वाले ने बताया कि आजाद कहता था कि वह अपने बच्चों के लिए ही मुंबई में रहकर भीख मांगता है। बाकी झुग्गियों में रहने वाले कई दूसरे भिखारियों का कहना है कि उन्हें कभी अंदाजा भी नहीं हुआ कि आजाद के पास इतने पैसे हैं।


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