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पिछले दो हफ्तों के दौरान पंजाब के तरनतारन से पकड़े गए दर्जनभर खालिस्तानी आतंकवादियों से की गई पूछताछ में खुलासा हुआ है कि आईएसआई और खालिस्तानी आतंकी पंजाब में 26/11 जैसी बड़ी आतंकवादी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इन आतंकवादियों के निशाने पर पंजाब के कई बड़े धार्मिक और राजनीतिक नेता भी थे. गिरफ्तार किए गए आतंकवादियों ने पुलिस को इन नेताओं के नाम भी बताए हैं, जिनको सुरक्षा कारणों से सार्वजनिक नहीं किया गया है. खालिस्तानी आतंकवादियों के कब्जे से मिले हथियारों के जखीरे में कुछ हथियार ऐसे थे, जिनको जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों को दिए जाने थे, तो कुछ हथियार बाबा बलवंत सिंह नाम के खालिस्तानी समर्थक को सौंपे जाने थे. बाबा बलवंत सिंह साल 2016 में 3 टारगेट किलिंग के मामलों में जेल की सलाखों के पीछे बंद है.
 खालिस्तानी समर्थकों द्वारा अब तक पंजाब में आधा दर्जन से अधिक हिंदू और दूसरे धर्मों के नेताओं को निशाना बनाया जा चुका है. पंजाब पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता से जब इस बारे में बात की गई, तो उन्होंने जांच जारी होने की बात करके इस सवाल को टाल दिया. साथ ही कहा कि बरामद किए गए हथियारों का इस्तेमाल कहीं न कहीं तो होना था.
रविवार को तरनतारन में गिरफ्तार किए गए चार आतंकवादियों का संबंध निहंग समुदाय के डेरे से है, जिसकी जांच की जा रही है. उधर पंजाब के तरनतारन में हथियारों के जखीरे बरामद होने के बाद पंजाब के कई जिलों में हाई अलर्ट है और पुलिस अतिरिक्त चौकसी बरत रही है. राज्य के पठानकोट गुरदासपुर सहित कई जिलों में सड़कों की नाकाबंदी की गई है और आने-जाने वाले वाहनों की तलाशी ली जा रही है.
दरअसल, पठानकोट से सटी लखनपुर सीमा से हथियार पंजाब पहुंचे थे, जिससे पंजाब पुलिस की जमकर किरकिरी हुई. पुलिस अब भी आतंकवादियों को हथियार मुहैया करवाने वाले लोगों की गिरफ्तारी नहीं कर पाई है. अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में हाईअलर्ट है और सीमा पर कड़ी चौकसी बरती जा रही है, जिसके चलते आतंकवादी और नशा तस्कर अब ड्रोन का इस्तेमाल करके पंजाब के रास्ते हथियारों और नकली करंसी की सप्लाई की कोशिश कर सकते हैं.

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