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मुंबई : मुख्यमंत्री राहत कोष से फर्जी तरीके से कई लाख रुपये निकालने के आरोप में मुंबई क्राइम ब्रांच ने पिछले पखवाड़े छह लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें एक डॉक्टर अमित नागराले भी शामिल था। उस केस में मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट-वन ने कई पथलॉजिस्ट से भी पूछताछ की है। क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी के अनुसार, कई मरीजों ने अलग-अलग पैथलॉजी से मेडिकल टेस्ट कराए थे। बाद में उन्होंने डॉक्टर नागराले को यह रिपोर्ट उनकी सलाह के लिए दे दी। नागराले ने इन रिपोर्ट्स की जेरॉक्स करवाई और इन्हें अपने पास रखकर ओरिजनल मरीजों को दे दीं। बाद में इन जेरॉक्स को डॉक्टर नागराले द्वारा अपने गैंग के अन्य लोगों को दे दिया गया। उन्होंने फिर एक जेरॉक्स के बीच के हिस्से पर सादा कागज रखा। फिर उस जेरॉक्स की नई जेरॉक्स निकाली। इस नई जेरॉक्स के बीच वाले हिस्से पर फर्जी पथॉलजी रिपोर्ट लिखी और फिर इसकी जेरॉक्स निकाली।

इस तरह की फर्जी पैथलॉजी रिपोर्ट्स वाली जेरॉक्स को फिर तहसीलदार ऑफिस, सरकारी अस्पताल और फिर मंत्रालय में मेडिकल कमिटी के सामने दिया जाता रहा। सीनियर इंस्पेक्टर विनायक मेर, जयेश ठाकुर को गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि ज्यादातर मामलों में कहीं भी पैथलॉजी की मूल रिपोर्ट देखी ही नहीं गई। सिर्फ जेरॉक्स देखकर ओके,ओके कर दिया गया और फिर मुख्यमंत्री राहत कोष से रकम निकलती रही। बाद में मंत्रालय में एक अधिकारी को दो मरीजों की रिपोर्ट पर शक हुआ। इस तरह यह पूरा घोटाला सामने आया। क्राइम ब्रांच की जांच में महाराष्ट्र के कम से कम आधा दर्जन और अस्पतालों के नाम सामने आए हैं। जांच टीम ने अब तक तक 60 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की है।



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