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वसई : तुंगारेश्वर की पहाड़ियों पर स्थित बालयोगी सदानंद के आश्रम में तोड़फोड़ की कार्रवाई के दौरान गुरुवार को काफी विरोध देखने को मिला। यहां पर मुंबई-अहमदाबाद हाइवे के मनोर, विरार और धानिवबाग में बीजेपी, वीएचपी और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने रास्ता रोको आंदोलन किया। आंदोलन के चलते कुछ देर के लिए यातायात ठप रहा। मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को शांत कराकर यातायात बहाल कराया। बता दें कि सदानंद आश्रम में अवैध निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट के तोड़क कार्रवाई के आदेश के बाद तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए आश्रम परिसर में धारा 144 लागू की गई है। जानकारी के अनुसार, कंजर्वेशन ऐक्शन ट्रस्ट के कार्यकर्ता देबी गोयंका ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर वसई (पूर्व) की तुंगारेश्वर पहाड़ी पर बने आश्रम को अवैध बताते हुए तोड़क कार्रवाई की मांग की थी। कोर्ट के आदेश के बाद गुरुवार को आश्रम स्थित मंदिर के पास बनी तीन मंजिला इमारत पर वन विभाग की टीम ने भारी पुलिस बंदोबस्त के बीच तोड़क कार्रवाई शुरू की। 

मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह लोगों को शांत कराकर यातायात बहाल कराया। मामले में पुलिस का कहना है कि आंदोलन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि 2 दिन पहले आश्रम के ट्रस्टी खुद ही अवैध निर्माण तोड़ रहे थे। उनका कहना है कि वे खुद ही अवैध निर्माण तोड़ेंगे। 

पुलिस ने बजरंग दल के जिला संयोजक चंदन सिंह और जिला मंत्री सुशील शहा सहित कई लोगों को हिरासत में लिया है। जिला संयोजक चंदन ने कहा है कि श्रावण हिंदुओं के लिए पवित्र महीना होता है। आश्रम पर श्रावण में तोड़क कार्रवाई करना हिंदू समुदाय की भावनाओं से खेलना है। विहिप नेता मुकेश दुबे ने कहा कि पालघर जिले में सरकारी और वन विभाग की जमीनों पर अन्य समुदाय के धार्मिक स्थल हैं। लेकिन, सदानंद आश्रम को एक साजिश के तहत ढहाया जा रहा है, जिसका हिंदू समुदाय पूरी तरह विरोध करेगा। 


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