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ठाणे : बाढ़ से प्रभावित दिवा के क्षेत्रों में विभिन्न तरह की घातक बीमारियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। अब तक चार मरीजों की मौत हो चुकी है, इनमें से दो की मौत लेप्टो से हुई है, इसकी पुष्टि हो चुकी है। डायरिया, डेंगू, टाइफाइड, पीलिया, मलेरिया तथा लेप्टो जैसी घातक बीमारियों से पीड़ित मरीजों का इलाज दिवा तथा ठाणे स्थित निजी मनपा अस्पतालों में चल रहा है।
उल्लेखनीय है कि भारी बरसात तथा बारवी डेम का पानी छोड़े जाने की वजह से दिवा का खाड़ी से सटा भाग ३ और ४ अगस्त को पानी में डूब गया था। दिन-रात चले बचाव अभियान में करीब १० हजार परिवारों के २५ हजार सदस्यों को सुरक्षित ठिकानों पर भेजा गया था। बाढ़ हटने के बाद दिवा के निचले हिस्सों में वर्षा जनित बीमारियों के पैâलने की आशंका व्यक्त की जा रही थी।
दिवा के निजी अस्पतालों तथा डिस्पेंसरियों में विभिन्न बीमारियों से पीड़ित मरीजों की कतार लगनी शुरू है। इसी दौरान दीपक कांबले तथा संतोष कदम नामक दो युवकों की मौत हो गई। इसके ठीक दूसरे दिन १८ वर्षीय मंजरी सकट नामक युवती की मौत हो गई। इसके अलावा एक निजी अस्पताल में रूपेश म्हस्के की भी मौत हो गई। इन चारों की मौत लेप्टोस्पायरोसिस से होने की बात कही जा रही है। हालांकि मनपा प्रशासन ने इससे इंकार किया है।
दिवा स्थित ७ बड़े निजी अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं। दिवा स्थित बालाजी अस्पताल के संचालक डॉ पी.एस.पांडेय का कहना है कि हमारे अस्पताल में डेंगू के दो मरीज,डायरिया के ६ मरीज तथा पीलिया के चार मरीज भर्ती हैं। अशुद्ध पानी की वजह से पीलिया तथा डायरिया के मरीज लगातार आ रहे हैं। लेप्टो के दो मरीजों को भर्ती किया गया था पर मनपा स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर उन्हें मनपा द्वारा संचालित छत्रपति शिवाजी अस्पताल में भेज दिया गया है। इसके अलावा टाइफायड तथा मलेरिया के मरीज बड़ी संख्या में इलाज के लिए आ रहे हैं।

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