मुंबई में २५,००० अपराधी
मुंबई, मुंबई को देश की आर्थिक राजधानी माना जाता है। रोजाना देश के विभिन्न हिस्सों से हजारों लोग अपने सपनों को पूरा करने के लिए मुंबई आते हैं लेकिन इसी सपनों के शहर मुंबई की गली-गली में वांटेड अपराधी घूम रहे हैं। मुंबई पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार साल २०१९ के प्रथम ६ महीनों में २५,००० के तकरीबन अपराधी मुंबई पुलिस की वांटेड लिस्ट में हैं, जो कि यहां-वहां गली-गली घूमकर अपने अपराधों को अंजाम दे रहे हैं।
बता दें कि मुंबई पुलिस के पास रोजाना दर्जनों आपराधिक मामले पंजीकृत होते हैं, इन मामलों में पुलिस जिन अपराधियों को नहीं पकड़ पाती, वे मुंबई पुलिस की वांटेड लिस्ट में चले जाते हैं। वर्ष २०१९ के प्रथम ६ महीनों में मुंबई के अंदर २४,४०४ वांटेड अपराधी हैं। इन अपराधियों में से मात्र ५११ को ही पुलिस गिरफ्तार कर पाई है, जो कि कुल संख्या का मात्र २.०९ प्रतिशत है। इसके अलावा २०१८ में मुंबई के अंदर २४,८२७ वांटेड अपराधी थे, जिनमें से ८८६ अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। वहीं २०१७ में मुंबई के अंदर २४,८७९ वांटेड अपराधी थे, जिनमें से १,०५२ अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। पिछले ढाई सालों से यह आंकड़ा लगभग २३,००० के तकरीबन बना हुआ है। इन वांटेड अपराधियों की सूची में महिलाओं के नाम भी शामिल हैं। हालांकि महिलाओं की यह संख्या कुल संख्या के मुकाबले बेहद कम है, फिर भी महिलाओं का बड़ी संख्या में आपराधिक मामलों से जुड़े रहना चिंता का विषय है। साथ ही पुलिस की गिरफ्त में आनेवाली महिला वांटेड अपराधियों की संख्या भी घटती जा रही है। वर्ष २०१९ के प्रथम ६ महीनों में मुंबई में कुल ७४२ वांटेड महिलाएं पुलिस की वांटेड लिस्ट में थीं, जिनमें से ४८ को गिरफ्तार कर लिया गया। वर्ष २०१८ में ८१३ महिलाएं वांटेड लिस्ट में थीं, जिनमें से ७६ को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं वर्ष २०१७ में १,१२६ महिलाएं थीं, जिनमें से १२० को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस उपायुक्त दत्ता नलावड़े ने बताया कि r पहचान छुपाने और गलत पता बताने के कारण अपराधियों को ढूंढ़ पाना मुश्किल हो जाता है। अपराध को अंजाम देकर अपना पता बदल लेते हैं या फिर किसी और शहर में भाग जाते हैं। ऐसे में पुलिस सरकारी रिकॉर्ड, इलेक्शन वोटर आईडी, रिश्तेदार, आसपास के क्षेत्रों, कॉल डिटेल्स और सोशल मीडिया के जरिए उनका पता लगाने की कोशिश करती है।