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मुंबई, ड्रेनेज लाइन की मरम्मत के नाम पर डोंगरी में डेंजरस बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है। इस बात का खुलासा कल उच्च न्यायालय में डोंगरी की अवैध इमारतों को लेकर होनेवाली सुनवाई में हुआ। इतना ही नहीं, इस सुनवाई में बिल्डरों के फर्जीवाड़े का भी खुलासा हुआ, जिसमें ड्रेनेज लाइन की मरम्मत का आदेश म्हाडा से हासिल करने के बाद इसमें बिल्डर फेरफार करते हैं और उक्त आदेश को बिल्डिंग रिपेयरिंग का आदेश बना देते हैं।
बता दें कि डोंगरी के केसरबाई बिल्डिंग हादसे के बाद बी और सी वार्ड की सेस इमारतों में हुए अवैध निर्माणों को लेकर एक याचिका उच्च न्यायालय में दायर की गई थी। अयूब उमर मेमन द्वारा दायर याचिका को उच्च न्यायालय ने गंभीरता से लिया। इस याचिका में १११ जकेरिया मस्जिद स्ट्रीट, १८/२० तांडेल स्ट्रीट, ४५/४७ निशानपाड़ा क्रॉस रोड, ५५ मेमनवाड़ा रोड, ५२/५४ बरकत अली वीरानी मार्ग सहित कई इमारतों का उल्लेख किया गया था। ये सभी इमारतें चार मंजिला थीं, जिन्हें ड्रेनेज की मरम्मत के नाम पर ११ से १२ मंजिला बनाया गया। आग के लिहाज से उक्त इमारतों को खतरनाक बताया गया। इतना ही नहीं, इन इमारतों की नींव कमजोर होने का उल्लेख भी याचिका में किया गया था। याचिका में इन अवैध निर्माणों के लिए मनपा प्रशासन और म्हाडा को जिम्मेदार ठहराया गया है। सूत्रों की मानें तो डोंगरी में बननेवाली अधिकांश अवैध इमारतों में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गों का पैसा लगा हुआ है। सफेद पोश बने ये गुर्गे चोरी-छिपे इन इमारतों को फंडिंग कर रहे हैं। बी और सी वॉर्ड के अलावा साबू सिद्दिक रोड पर भी डेंजरस इमारतों का निर्माण चरम पर है। साबू सिद्दीक रोड पर स्थित ग्रीन हाऊस, मोहता मार्वेâट में भी अवैध निर्माण किए जाने की खबर है।

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