कश्मीर पर डॉनल्ड ट्रंप की इमरान खान को नसीहत, संभलकर करें बयानबाजी
वॉशिंगटन : जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद पाकिस्तान से तनातनी के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के पीएम से बात की है। पीएम नरेंद्र मोदी से बात के बाद ट्रंप ने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान से बात की और उन्हें कश्मीर के मुद्दे पर संयम बरतने की नसीहत दी है। ट्रंप ने इमरान से तनाव बढ़ाने से रोकने और ऐसी स्थिति से बचने की सलाह दी। दोनों नेताओं से बात के बाद ट्रंप ने क्षेत्र में स्थिति को 'कठिन' बताते हुए कहा कि उनकी दोनों पीएम से अच्छी बात हुई है।
ट्रंप ने कहा, 'मैंने दो अच्छे दोस्तों पीएम मोदी और पीएम इमरान खान से ट्रेड, रणनीतिक साझेदारी और सबसे खास बात कश्मीर में तनाव करने को लेकर बात हुई।' उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि स्थिति 'कठिन' है लेकिन अच्छी बात हुई है। बातचीत के दौरान ट्रंप ने इमरान को जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर भारत के खिलाफ बयानबाजी पर संयम बरतने की नसीहत दी। वॉइट हाउस ने बताया कि ट्रंप ने कश्मीर पर दोनों देशों से तनाव कम करने का आग्रह किया। ट्रंप की इमरान से एक सप्ताह के अंदर यह दूसरी बातचीत है।
शुक्रवार को भी हुई थी इमरान-ट्रंप में बात
बता दें कि गत शुक्रवार को भी ट्रंप और इमरान के बीच बात हुई थी। इस बात के दौरान इमरान ने ट्रंप से कश्मीर के मुद्दे पर बात की थी और क्षेत्रीय शांति पर इसके खतरे को लेकर पाकिस्तान की चिंता से अवगत कराया था। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ट्रंप ने कहा था कि वह कश्मीर के मुद्दे पर मध्यस्थता करने को तैयार हैं। हालांकि भारत ने जम्मू-कश्मीर को द्विपक्षीय मुद्दा बताते हुए इसपर किसी मध्यस्थता की कोशिश को नकार दिया था। भारत के बयान के बाद अमेरिका ने भी कश्मीर को द्विपक्षीय मुद्दा माना।
मोदी ने बिना नाम लिए इमरान पर साधा निशाना
बता दें कि ट्रंप ने सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी से करीब आधे घंटे फोन पर बात की थी। इस दौरान पीएम मोदी ने पाक से संबंधों को लेकर बिना उसका नाम लिए ट्रंप से कहा कि कुछ नेताओं का भारत के खिलाफ हिंसा का रवैया शांति की प्रक्रिया में बाधक है। उनका इशारा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की तरफ था, जिन्होंने हाल में भारत विरोधी कई बयान दिए हैं।
मोदी बोले-आंतक मुक्त माहौल जरूरी
यही नहीं, पीएम मोदी ने ट्रंप से बातचीत में जोर देकर कहा कि क्षेत्र में शांति के लिए आतंक और हिंसा से मुक्त माहौल तैयार करना होगा। यह सीमा पार आतंकवाद पर लगाम लगाए बिना संभव नहीं है। पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से कहा कि यदि कोई भी देश शांति के इस रास्ते पर चलता है तो भारत उसका साथ देने को तत्पर है। इस रास्ते से ही गरीबी, अशिक्षा और बीमारियों से लड़ा जा सकता है।