Latest News

मुंबई : यूं तो बाढ़, आंधी, तू्फान आने पर लोगों के आशियाने उजड़ जाते हैं। लोग अपनों से बिछड़ तक जाते हैं, लेकिन महाराष्‍ट्र के सांगली में आई बाढ़ के कारण दो महीने की एक बच्ची को नई जिंदगी नसीब हुई है। दरअसल बाढ़ से बचाए जाने के बाद बच्ची को इलाज के लिए जब अस्पताल ले जाया गया तब पता चला कि उसे हृदय की गंभीर बीमारी है और उसे तत्काल ऑपरेशन की जरूरत है। परिवार वालों से मिली जानकारी के अनुसार, बाढ़ के कारण उनका बच्‍ची का पूरा घर लगभग डूब गया था। घर वालों को एनडीआरएफ ने रेस्क्यू किया और सबको पास के एक शेल्टर होम ले जाया गया। चूंकि बच्ची की उम्र बेहद कम है, इसलिए वह संक्रमण का शिकार हो गई और उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। स्थिति में सुधार न होता देख निमोनिया के शक पर बच्ची को मुंबई के वाडिया अस्पताल ट्रांसफर कर दिया गया। यहां जांच में न केवल बच्ची निमोनिया से ग्रसित पाई गई, बल्कि कांजिनेंटल हॉर्ट (दिल में छेद की समस्या) की बात भी सामने आई। 

वाडिया अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक, बच्ची को जल्द ही सर्जरी की जरूरत है। निमोनिया का इलाज जारी है और उसकी स्थिति सामान्य है। एक बार उसकी स्थिति स्थिर होने के बाद उसकी सर्जरी की जाएगी। रविवार तक बच्ची की सर्जरी की जा सकती है। बता दें कि बच्ची के पिता संदीप शिंदे सब्जी बेचते हैं। बारिश के कारण न केवल उनका घर बर्बाद हो गया है, बल्कि रोजी-रोटी का जरिया भी लगभग खत्म हो गया है। ऐसे में बाढ़ के बाद से परिवार वालों पर दोहरी मार पड़ रही है। 

अस्पताल की मेडिकल डायरेक्टर डॉ. शकुंतला प्रभु ने बताया कि परिवार वाले बच्ची की दिल की बीमारी से अनजान थे। यह बच्ची की सेहत के लिए बहुत खतरनाक हो सकता था। अगर समय रहते दिल की बीमारी का पता नहीं चलता तो बच्ची की जान को खतरा भी हो सकता था। परिवार की माली हालत सही न होने के कारण बच्ची के इलाज का खर्च अस्पताल द्वारा उठाया जा रहा है। सर्जरी में लगभग ढाई लाख रुपये का खर्च आएगा। बच्‍ची के पिता संदीप शिंदे ने बताया कि वह तो निमोनिया के इलाज के लिए आए थे। मुंबई आकर हमें दिल की बीमारी के बारे में पता चला। अगर हम मुंबई नहीं आते, तो शायद बीमारी का पता भी नहीं चलता। 


Weather Forecast

Advertisement

Live Cricket Score

Stock Market | Sensex

Advertisement