उलझ गई डॉक्टर के लापता होने की गुत्थी, 7 चिट्ठियों में छिपा है राज
छत्तीसगढ़ का बिलासपुर शहर. जहां एक डॉक्टर अपना करियर बनाने आया था. उसे कामयाबी भी मिली. एमडी मेडिसिन किया. शादी भी कर ली. छोटे शहर से निकलकर बड़े शहर पहुंच गए. प्रैक्टिस शुरू कर दी. उनकी जिंदगी में सब कुछ ठीक चल रहा था. लेकिन बुधवार को अचानक डॉक्टर कहीं गायब हो गया. पत्नी ने तलाश किया. अस्पताल में पूछताछ की लेकिन कुछ पता नहीं चला. मामला पुलिस तक जा पहुंचा. फिर सामने आईं 7 चिठ्ठियां. अब सवाल ये था कि आखिर उन 7 चिट्ठियों में कौन सा राज छिपा है.
यह मामला जुड़ा है मूलतः पेंड्रा निवासी डॉक्टर प्रकाश सुल्तानिया से. वो एमडी मेडिसिन थे. बिलासपुर की शुभम् विहार कॉलोनी में पत्नी के साथ रहते थे. शहर के मगरपारा रोड पर स्थित एक हॉस्पिटल में प्रैक्टिस करते थे. बुधवार सुबह हर रोज की तरह डॉक्टर प्रकाश अपने घर से अस्पताल जाने के लिए निकले और इसके बाद वो लापता हो गए.
जब देर रात तक वह घर नहीं लौटे पत्नी ने उनकी तलाश शुरू की. वह पति के लापता हो जाने की शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंची. पुलिस फौरन हरकत में आ गई. सबसे पहले उनके फोन की लोकेशन ट्रेस की गई तो उनकी आखरी लोकेशन सुबह 11 बजे मसानगंज में दिखाई दी. लेकिन उनकी मोटरसाइकिल मिशन अस्पताल रोड पर मार्क अस्पताल के पास खड़ी मिली.
पुलिस ने जब जांच का दायरा आगे बढ़ाया तो वो उनके एक दोस्त के घर जा पहुंची, जो मंगला में रहता है. पुलिस को वहां से डॉक्टर प्रकाश का एक बैग मिला. जिसमें 7 लिफाफों में बंद 7 चिट्ठियां मिली. पुलिस ने उन सातों चिट्ठियों को फौरन कब्जे में ले लिया. जब खोलकर देखा गया तो उनमें सुसाइड नोट था. उन्होंने पत्नी के नाम भी एक चिट्ठी छोड़ी थी. पुलिस सात चिट्ठियां देखकर हैरान थी. उन चिट्ठियों में एक दंपति, प्रॉपर्टी डीलर और एक राजस्व अधिकारी के नाम का जिक्र था. जिन पर डॉक्टर प्रकाश ने जमीन हड़पने और उनका मानसिक उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है.
दरअसल, डॉक्टर प्रकाश ने उन चिट्ठियों में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, राजस्व मंत्री, डीजीपी, डीएम, आईजी, एसपी, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सहित कई पुलिस प्रशासिनक अधिकारियों से इंसाफ की गुहार लगाई है. इन पर जमीन हड़पने व मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप है।
पुलिस ने जब डॉक्टर प्रकाश के दोस्त से पूछताछ की तो उसने बताया कि डॉक्टर प्रकाश उसके पाए और बोले कि वह कोर्ट के काम से जा रहे हैं. लेकिन अपना बैग यहीं छोड़कर गए थे. जानकारी के मुताबिक बुधवार को डॉक्टर प्रकाश की तहसील में पेशी होनी थी लेकिन वह वहां भी नहीं गए.
तहसील का नोटिस भी पुलिस ने उनके बैग से बरामद किया है. उन्होंने एक चिठ्ठी में पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए लिखा कि उन्होंने राजेश अग्रवाल और संगीता अग्रवाल नामक दंपति से खमतराई मोड़ के पास सितंबर 2017 में 3669 वर्ग फीट जमीन खरीदी थी. लेकिन जब उन्होंने वहां निर्माण कार्य शुरू कराया तो जमीन के सौदे में शामिल एजेंट प्रमोद यादव और सस्पेंड आरआई मथुरा कश्यप ने मिलकर उन्हे रोक दिया. निर्माण कार्य नहीं करने दिया.
उन्होंने चिट्ठी में लिखा कि उनका बहुत मानसिक उत्पीड़न हो रहा है. नौकरी चली गई है. डिप्रेशन का शिकार हो गए. इसलिए वह आत्महत्या करने का मन बना रहे हैं. जिसके लिए राजेश अग्रवाल, संगीता अग्रवाल, प्रमोद यादव, मथुरा कश्यप और सदानंद पटेल जिम्मेदार होंगे. डॉक्टर प्रकाश ने अपनी पत्नी पायल से माफी मांगी है. जमीन खरीदने के लिए लोन लेने की बात का जिक्र किया है. आगे लिखा कि वो लोग बहुत ताकतवर हैं, जो उन्हें जमीन पर निर्माण नहीं करने दे रहे हैं. वह इसी वजह से काफी परेशान थे. सिविल लाइन थाना पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया है. अब पुलिस और परिवार वाले डॉक्टर प्रकाश को तलाश कर रहे हैं. अभी तक उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है.