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भोपाल। जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाने को लेकर मोदी सरकार के फैसले पर देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस पूरी तरह कन्फूयज दिखाई दे रही है। पूरे मुद्दें पर विचार करने के लिए पार्टी अब दिल्ली में बड़े नेताओं की एक बैठक करने जा रही है जिसमें सभी महासचिव, प्रदेश अध्यक्षों के साथ पार्टी के सभी बड़े नेता शामिल होंगे।
इस मुद्दे पर पार्टी साफ तौर पर दो खेमों में बंटी हुई दिखाई दे रही है, उसके सबसे बड़े नेता राहुल गांधी सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं तो दूसरी ओर उनके ही सबसे करीबी और विश्वसनीय सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा में वोटिंग के वक्त एक ट्वीट कर बिल का समर्थन कर सभी को चौंका दिया।
सिंधिया से पहले मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा और हरियाणा में कांग्रेस के युवा चेहरे दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी धारा 370 पर मोदी सरकार के समर्थन में खड़े दिखाई दिए। अगर कांग्रेस के इन युवा नेताओं के फैसले को देखे तो इसके पीछे की कहानी कुछ और ही नजर आती है।
सिंधिया का समर्थन क्यों? - राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी के नए अध्यक्ष बनने की दौड़ में सबसे आगे है। ऐसे में क्या सिंधिया का बिल को समर्थन देना कांग्रेस की विचारधारा में परिवर्तन और भविष्य की राजनीति की रणनीति की ओर इशारा करता है।

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