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मुंबई बॉम्बे उच्च न्यायालय ने वेश्यावृत्ति के रैकेट से छुड़ाई गई और फिलहाल सुधार गृह में रह रही एक 22 साल की महिला को रिहा करने का आदेश देते हुए कहा है कि उसे संरक्षण गृह में उसकी इच्छा के विरुद्ध नहीं रखा जा सकता क्योंकि वह बालिग है। गुरुवार को दिए एक निर्णय में न्यायाधीश एस एस शिंदे ने कहा कि इच्छा के बगैर किसी बालिग पीड़ित को सुधारगृह में नहीं रखा जा सकता। न्यायालय ने इस संबंध में राज्य के पंढरपुर की एक महिला की याचिका पर सुनवाई की। इसमें स्थानीय अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी। सत्र अदालत ने पीड़िता को रिहा करने से इनकार कर दिया था। उसे इस साल जनवरी में स्थानीय प्रशासन ने एक छापे की कार्रवाई के बाद छुड़ाया था।


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