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मुंबई : खाद्य पदार्थ में मिलावट करने वाले अब जाग जाएं, अन्यथा उन्हें जेल की हवा खानी पड़ सकती है। महाराष्ट्र में पहली मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब मशीन सड़कों पर उतर गई है। आधुनिक उपकरणों से लैस यह मशीन आधे घंटे में मिलावट की रिपोर्ट दे देगी। मिलावट साबित होने पर तत्काल कार्रवाई भी की जाएगी। ऐसे ही मशीन पूरे राज्य में जल्द ही सरकार उतारेगी। एक मशीन की कीमत 36 लाख रुपये है। रोजमर्रा के उपयोग में लाए जाने वाला दूध, खाद्य तेल, चाय पावडर, मसाले इत्यादि में मिलावट मामूली बात है। सरकार ने मिलावटखोरों पर कार्रवाई के लिए सख्त कानून बनाया है, लेकिन उनमें इसका खौफ नहीं है। सबूतों के अभाव में भी अक्सर मिलावट करने वाले छूट जाते हैं। मजबूरन आम आदमी मिलावटी खाद्य पदार्थ का सेवन करने के लिए मजबूर है।
मिलावट करने वालों को रोकने के लिए भारत सरकार ने राज्यों से मोबाइल वाहन टेस्टिंग लैब तैयार कर मैदान में उतारने का निर्देश दिया है, ताकि मशीन दुकानदारों तक पहुंच कर खाद्य पदार्थ की जांच कर सके और राज्य अपने नियम कानून के अनुसार मिलावट खोरों पर तत्काल कार्रवाई कर सके। भारत सरकार ने मोबाइल वाहन टेस्ट मशीन बनाने का मापदंड निर्धारित किया है। उसी तर्ज पर राज्यों को ऐसा मशीन बनाना है।
आधुनिक उपकरणों से लैस मोबाइल लैब वैन
राज्य के अन्न व औषधि प्रशासन ने गाड़ी नंबर एम.एच.02 ई.आर.9269 में खाद्य पदार्थ के आधुनिक उपकरण लगाए हैं। वाहन में एक अन्न सुरक्षा अधिकारी, एक खाद्य विश्लेषक सहित चार लोग तैनात रहेंगे। अन्न और औषधि प्रशासन विभाग की आयुक्त डॉ.पल्लवी दराडे का कहना है कि जिस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर खाद्य पदार्थ में मिलावट का मामला सामने आएगा या फिर भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में यह मोबाइल वाहन जाकर वहां के खाद्य पदार्थ का टेस्ट करेगा। टेस्ट के नतीजे आधे घंटे में ही जाएंगे। अगर खाद्य पदार्थ में मिलावट पाई गई, तो कार्रवाई भी उसी वक्त की जाएगी। पहले मिलावट की जांच नतीजे आने में सात से आठ दिन लग जाते थे।
लोग भी कर सकते हैं शिकायत
बुधवार को सरकारी अतिथि गृह सह्याद्रि में आयोजित कार्यक्रम में मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब का उद्‌घाटन किया गया। राज्य के अन्न व औषधि प्रशासन मंत्री जयकुमार रावल ने कहा कि वाहन खाद्य पदार्थों की जांच करने के साथ-साथ लोगों में जागरूकता भी पैदा करेगा। इस वाहन की दहशत होनी चाहिए, ताकि जिस क्षेत्र में यह वाहन जाए मिलावट करने डरे। रावल ने कहा कि यह वाहन आधुनिक मशीनों के साथ-साथ इसमें तेज तर्रार अधिकारी भी होंगे, ताकि कार्रवाई करने से हिचकें नहीं।
मशीन में रोज उपयोग की जाने वाली खाद्य पदार्थ जैसे दूध, घी, छाछ, खाद्य तेल, चाय पावडर, मशालें, फलों की गुणवत्ता व रासायनिक मिलावट जैसी जांच महज आंधे घंटे में की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि मिलावट से संबंधित कोई भी शिकायत लोग 1800222365 पर शिकायत कर सकते हैं। कार्यक्रम में अन्न और औषध प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. संजीव मुखर्जी, आयुक्त डॉ. पल्लवी दराडे, अतिरिक्त आयुक्त सुनील भारद्वाज व अन्य लोग उपस्थित थे।



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