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मुंबई : मॉनसून में बीएमसी अस्पतालों में कई दवाओं की किल्लत जारी रहेगी। पिछले कई महीनों से जारी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। खत्म हो चुकी दवाओं की किल्लत दूर करने के लिए मांगी गई अनुमति की फाइलें अभी तक प्रशासकीय मंजूरी का इंतजार कर रही हैं। आचार संहिता हटने के बाद ही इसे स्थायी समिति से मंजूरी मिल सकती है। ऐसे में अस्पताल में दवाएं पहुंचने में अभी कई हफ्ते लगने तय हैं।
दवाओं की खरीदी की लंबी प्रक्रिया के चलते इस मामले में देरी हो रही है। एक अधिकारी ने बताया कि हमें दवाओं की कमी दूर करने के लिए प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया गया था, जिसकी हमने तुरंत कोशिश शुरू कर दी थी। लेकिन अस्पतालों से दवाओं के आंकड़े प्राप्त करने और फिर कंपनी से आपूर्ति के लिए सहमति लेने में लंबा वक्त लगता है। इस बीच चुनाव आ गए और आचार संहिता लगने से यह काम रुक गया।
दवाओं की खरीदी के नए टेंडर दो साल के लिए सितंबर से मंगाए जाएंगे। लेकिन तब तक पुराने टेंडर के आधार पर दवाएं खरीदनी होंगी। अस्पताल के एक डीन ने बताया कि हम एक बार में 5,000 रुपये तक की खरीदी कर सकते हैं। यह खरीदी भी हम बेहद जरूरी मामलों में ही कर पाते हैं। पूरी उम्मीद है कि सितंबर से नए टेंडर लागू होने के बाद दवाओं की कमी की समस्या दूर हो जाएगी।

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